बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में सातों कृषि विज्ञान केंद्र व दो एनजीओ केवीके ने निदेशालय प्रसार में उपस्थित हुए और राजस्थान राज्य की राज्य स्तरीय योजना- 2022 वर्चुअल कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यशाला की विस्तृत जानकारी देते हुए निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ सुभाष चंद्र ने बताया कि इस दो दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला के उदघाटन सत्र में डॉ पी.पी. रोहिल्ला, डॉ एस.के. सिंह कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) जोधपुर, एवं मुख्य अतिथि डॉ बी.आर. चौधरी कुलपति कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर ने संबोधित किया। कार्यशाला के दौरान कई पहलुओं पर चर्चा हुई जैसे की देश जीडीपी विकास में कृषि की भागीदारी और कृषि वैज्ञानिकों का योगदान कृषि विज्ञान केंद्रों का महत्व व उनके मैंडेट में परिवर्तन अब कृषि विज्ञान केंद्र रिसोर्स सेंटर, सलाहकार व निदान केंद्र की तरह कार्य करना है। देश की कृषि प्राथमिकताएं खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर है बायोफोर्टीफाइड क़िस्मों के विकास, न्यूट्रिशन गार्डन का महत्व समझना है। केंद्र सरकार की एक जिला एक उत्पाद योजना को पर ध्यान देना है और अंतराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ वोकल फॉर लोकल, रफ्तार आत्मनिर्भर भारत , स्मार्ट विलेज आदि में केवीके के योगदान को रेखांकित किया गया। निदेशालय प्रसार के प्रजन्टेसन में केवीके की गतिविधियों और परिणाम बढ़ाने के के लिए किए गए प्रयास से अवगत कराया गया, सुझाव रखे गए की किसानों की धारणा और राय के अनुसार किसानों का फीडबैक लिया जाए, सफलता की कहानियों को केवीके में प्रदर्शित पत्रिकाओं/समाचार पत्रों में भी प्रकाशित किया जाए, प्रशिक्षण में सफल किसानों को संसाधन व्यक्तियों के रूप में आमंत्रित किया जाए। समस्त केवीके द्वारा यहाँ बेंचमार्क सर्वेक्षण और तथ्य पत्रक का सख्ती से पालन किया जाता है। कोविड-19 के दौरान केवीके के वैज्ञानिक कर्मचारियों ने भी विभिन्न ऑनलाइन मोड के माध्यम से किसानों को सलाह और मार्गदर्शन दे रहे है। वैज्ञानिक कर्मचारियों के वैज्ञानिक स्वभाव व क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयास, किसान फॉलो-अप के अभाव में पुरानी प्रथाओं पर वापस लौट जाते है अत: बेहतर परिणाम के लिए अनुवर्ती कार्यक्रमों को स्थानीय संस्थाओं से जोड़ा जाएगा।निदेशालय द्वारा आयोजित सैक बैठकों का विवरण, केवीके गतिविधियों के विवरण आदि को प्रदर्शित किया गया।