बीकानेर। शहर कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर आज बीकानेर आये प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अचंभित हो गये जब उनके सामने मंत्री डॉ बी डी कल्ला के भतीजे अनिल कल्ला ने अपने दल-बल सहित सर्किट हाउस पहुंच कर अपने आप को कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बनाने की मांग कर डाली। अचंभित करने वाली बात यह है कि कांग्रेस से जुड़े नेता और कार्यकर्ता ये मानकर चुप है कि बीकानेर में होने वाली हर नियुक्ति चाहे संगठन हो या सत्ता में नियुक्ति उसी को मिलेगी जिस पर कल्ला की मेहरबानी होगी।
ऐसे में उनके भतीजे का दल-बल सहित भीड़ इकठ्ठी कर अध्यक्ष की मांग रखना कहीं न कहीं कांग्रेस के अंदर खाने जो कुछ भी चल रहा है वह कल्ला के लिए ठीक नहीं है। इसी को ध्यान में रख कल्ला ने ये नया खेल रचा है और कांग्रेस नेतृत्व तक अपनी बात पहुंचने का तरीका निकला है। इससे यही लगता है कि डॉ कल्ला को कांग्रेस के ऊपरी नेतृत्व पर से भरोसा कम होता नजर आ रहा है। इस घटना से कांग्रेसजन अपने अपने नजरिये से अटकले लगानी शुरू कर दी है। कांग्रेस का एक गुट ये मान कर चलता है कि अशोक गहलोत बीकानेर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर अपना जादुई करिश्मा करेंगे। इसी का परिणाम है कि कल्ला खेमे के लोग गहलोत तक ये सन्देश पहुंचाना चाहते है कि अनिल कल्ला को ही अध्यक्ष बनाया जाये जबकि एक साल से अधिक समय नगर निगम में प्रतिपक्ष का नेता किसे बनाया जाये पर फैसला नहीं हुवा है। निगम में कांग्रेसी पार्षद नेतृत्वहीन अपनी डफली अपनी राग से ही काम चला रहे है। बीकानेर के प्रभारी मंत्री प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के सामने प्रतिपक्ष नेता का मामला उठे लम्बा समय बीत गया है जबकि प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने पार्षदों के मिले एक शिष्ट मंडल को स्पष्ट शब्दों में कहा था कल्ला जी कहेंगे उसी समय बना दिया जायेगा निगम का प्रतिपक्ष नेता। ऐसे में डा कल्ला की चुपी और प्रदेशाध्यक्ष के सामने कल्ला की उपस्तिथि में उनके भतीजे द्वारा अध्यक्ष पद की मांग रखना हास्यास्पद लगता है।