जयपुर। प्रदेश में पेट्रोल-डीजल और बढ़ती महंगाई के विरोध में आज से शुरू किए गए कांग्रेस के जन जागरण अभियान को राज्य की गहलोत सरकार ने बड़ा झटका दिया है। गहलोत सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें कम नहीं करने से अब कांग्रेस के अभियान पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।
कांग्रेस के अभियान शुरू होने से पहले लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील की जा रही थी कि पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें कम की जाएं लेकिन बावजूद इसके सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं किया गया, जिसके बाद अब कांग्रेस कार्यकर्ता भी अभियान को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं कि आखिर अब जनता के बीच क्या संदेश लेकर जाएंगे?
हालांकि इससे पहले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित अन्य सभी नेताओं को उम्मीद थी कि पेट्रोल-डीजल पर सरकार वैट कर देगी लेकिन अभियान शुरू होने तक भी सरकार ने वैट की दरें कम करके जनता को राहत नहीं दी है, जिससे अब कांग्रेस का जन जागरण अभियान ही सवालों के घेरे में आ चुका है।
कार्यकर्ताओं के सामने परेशानी
दरअसल बढ़ती महंगाई और पेट्रोल डीजल की दरों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस का सभी जिला मुख्यालयों, कस्बो, ढाणियों में एक पखवाड़े तक जन जागरण अभियान चलेगा । इस दौरान कार्यकर्ता केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते बढ़ी महंगाई और पेट्रोल डीजल की दरों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ जनता को जागरूक करेंगे लेकिन कार्यकर्ताओं को आशंका है कि इस दौरान उन्हें भी जनता के विरोध का सामना करना पड़ सकता है, उल्टे उन्हें भी जनता के सवालों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में वह आखिर जनता के बीच कैसे जा पाएंगे?
विपक्ष भी होगा हमलावर
कांग्रेस गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि एक ओर जहां कांग्रेस जन जागरण अभियान शुरू करेगी तो वहीं विपक्षी दल भाजपा इस मामले को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस पर ही हमलावर रहेगी, जिससे कांग्रेस के जन जागरण अभियान को उतनी सफलता नहीं मिल पाएगी जितनी उम्मीद प्रदेश कांग्रेस को है।
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल की दरों में कमी करने के बाद कई राज्यों ने पेट्रोल डीजल पर वैट कम कर जनता को राहत दी थी। वहीं कांग्रेस शासित पंजाब ने भी पेट्रोल डीजल पर वैट कम किया है, जिससे गहलोत सरकार पर भी वैट कम करने का दबाव बढ़ गया था। कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ विपक्ष ने भी सरकार से वैट की दरें कम करने की मांग की थी, लेकिन बावजूद इसके सरकार ने वैट कम नहीं किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पेट्रोल डीजल की दरें और कम करने की मांग की थी।