जयपुर. प्रदेश के कोविड वैक्सीनेशन ड्राइव में निजी अस्पतालों की भागीदारी करीब करीब फेल ही हो गई है। 1 अगस्त से अब तक प्रदेश में 1.46 करोड़ से अधिक वैक्सीन लगाई जा चुकी है। जिसमें से निजी अस्पतालों का भाीगदारी प्रतिशत मात्र 0.10 प्रतिशत ही है। जबकि केन्द्र के आवंटन का 25 प्रतिशत निजी अस्पतालों के लिए तय है। दरअसल, कंपनियों को निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेचने में ही अधिक मुनाफा हो रहा है। केन्द्र को दी जाने वाली दरों से कई दोगुनी से भी अधिक कीमत कंपनियां इन अस्पतालों से वसूल रही है।

निजी अस्पतालों की भागीदारी नगण्य होने का असर यह रहा कि कुछ समय से निजी अस्पतालों का कोटा भी आवंटन के बाद सरकार को देना शुरू किया गया है, लेकिन नीति नहीं बदले जाने के कारण सरकार को निजी अस्पतालों का आवंटन भी देरी से मिल पा रहा है। प्रदेश में अब तक 4.69 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी है। जिनमें दोनों डोज शामिल है।

महंगी वैक्सीन का डोज, लोग नहीं ले रहे रूचि

निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन ड्राइव फेल होने का सबसे बड़ा कारण महंगी वैक्सीन ही माना जा रहा है। गरीब व मध्यमवर्गीय लोग ही नहीं, बल्कि उच्च वर्ग के लोग भी महंगी वैक्सीन लगाने में रूचि नहीं ले रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार के पास जो वैक्सीन निशुल्क मिल रही है, उसके के लिए 1 हजार रुपए तक या उससे भी अधिक चुकाने का कोई मतलब नहीं है।

उच्च वर्गों के लिए लग रहे आसान कैंप

निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन को गति देने वाले मुख्य वर्ग..उच्च वर्ग भी इन अस्पतालों में वैक्सीनेशन नहीं लगवा रहा है। इसका बड़ा कारण सरकार की ओर से विभिन्न समाजों के ग्रुप, सामजिक संस्थाओं, धार्मिक संस्थाओं की ओर से निशुल्क शिविर लगवाना माना जा रहा है। ये संस्थाएं पूर्ण वीआईपी सुविधाओं के साथ इनसे जुड़े लोगों के वैक्सीन लगवा रही है, जो सरकार की ओर से ही पूरी तरह निशुल्क है। ऐसे में यह वर्ग भी निजी केन्द्रों की ओर रूख नहीं कर रहा है।

निजी के फेल होने से ही सरकार के मिली अधिक

यह भी सामने आया है कि निजी अस्पतालों की गति धीमी होने और उनके यहां कम वैक्सीन की खपत होने से ही बाद में वहां की वैक्सीन सरकार को दी गई, जिससे अगस्त माह में प्रदेश को एक करोड़ से अधिक वैक्सीन मिल सकी।

प्रदेश को मिली 9.33 लाख कोविशील्ड डोज

इस बीच सोमवार को प्रदेश के लिए 933050 कोविशील्ड डोज की खेप पहुंची है। जिसका जिलों के लिए वितरण शुरू किया गया है। इसे मिलाकर अब तक प्रदेश को 46050350 वैक्सीन डोज