राज्य में पांचवीं व आठवीं के स्टूडेंट्स को इस बार भी बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा देनी होगी। पिछले दो साल से शिक्षा विभाग इन क्लासेज के स्टूडेंट्स को प्रमोट कर रहा था लेकिन इस बार एग्जाम के लिए तैयारी शुरू हो गई है। स्टूडेंट्स के आवेदन इस बार भी ऑनलाइन ही भरवाए जाएंगे। जिसका रिपोर्ट बाद में जारी की जाएगी।
दरअसल, शिक्षा विभागीय पंजीयक कार्यालय ने राज्य के सभी स्कूल्स को प्रारम्भिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र यानी कक्षा आठ की बोर्ड पैटर्न परीक्षा और प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मुल्यांकन यानी पांचवीं बोर्ड परीक्षा के लिए स्कूल्स को अपने डाटा दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। इस परीक्षा में बैठने वाले स्टूडेंट्स के डाटा गड़बड़ होने पर कई बार स्टूडेंट्स एग्जाम से वंचित हो जाते हैं या फिर उनकी मार्कशीट गलत बन जाती है। ऐसे में फॉर्म भरने के प्रोसेस पहले स्टूडेंट्स का नाम, पिता का नाम, माता का नाम व जन्म तिथि को सही तरीके से मिलाना होगा। सरकारी स्कूल्स को शाला दर्पण और प्राइवेट स्कूल्स को पीएसपी पोर्टल पर अपने डाटा सही करने होंगे। किसी स्टूडेंट को आठवीं भाषा में तृतीय भाषा में परिवर्तन करना है तो वो भी करवाया जा सकेगा। नए स्कूल भी पोर्टल पर स्वयं को रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
करीब 25 लाख स्टूडेंट्स
इन दोनों क्लासेज में इस बार भी 25 लाख से अधिक स्टूडेंट्स होंगे। आमतौर पर पांचवीं में व आठवीं में बारह -बारह लाख से अधिक स्टूडेंट्स रहते हैं। इस बार प्राइवेट में कम और सरकारी स्कूल्स में पिछले सालों की तुलना में अधिक स्टूडेंट्स हो सकते हैं।
पांचवीं के सेंटर्स बड़ी समस्या
आमतौर पर पांचवीं कक्षा के स्टूडेंट्स को दूसरे स्कूल में जाकर परीक्षा देनी होती है। कई बार तो स्टूडेंट्स को अपने घर से पंद्रह से बीस किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। ऐसे में न सिर्फ अभिभावक बल्कि स्टूडेंट्स भी परेशान होते हैं। इस बार कोरोना के कारण भी स्कूल में ही बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा लेने की मांग उठ रही है।