बीकानेर। जिले के नोखा में एक किसान की ढाणी में आग लगने से उसमें रखी फसल जलकर राख हो गई। शुक्र है कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, हालांकि लाखों रुपए की फसल देखते ही देखते राख हो गई। इससे पहले श्रीडूंगरगढ़ में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी है। नोखा तहसील के कक्कू की ढाणी में जुगत सिंह पुत्र बच्चन सिंह ने पिछले सीजन में खेत में बाजरी, मोठ, ग्वार, गेहूं और पशु चारे के लिए घास लगाया था। कम पानी के बावजूद पूरे परिवार ने मिलकर कुछ फसल तैयार की। कुछ बेच दी जबकि शेष अपने खेत में बने कच्चे कमरे में रख दी। इस कमरे में शुक्रवार सुबह आग लग गई। जिससे अंदर रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। जुगत सिंह के मुताबिक आगजनी में 10 क्विंटल बाजरी, 8 क्विंटल मोठ, 8 क्विंटल ग्वार , 2 क्विंटल गेहूं और 30 क्विंटल पशु चारा जल गया। इसके अलावा एक आटा चक्की भी नष्ट हो गई। आगजनी में कमरे में रखे रुपए भी जलकर नष्ट हो गए। हालांकि ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि कितने रुपए जल गए थे।
कच्चे कमरे बन रहे हैं संकट
जिले में बड़ी संख्या में लोग अपने खेत में गोबर और लकड़ी के सहयोग से कच्चे कमरे बनाते हैं। इन कमरों में आग जल्दी लगती है। दरअसल, गोबर और लकड़ी दोनों ज्वलनशील है। कुछ दिन पहले ही एक खेत में कच्चे कमरे में ही फसल बेचकर कमाए गए रुपए रखे हुए थे। ये रुपए भी जलकर नष्ट हो गए थे। पांच सौ रुपए की अनेक गड्डियां जलकर खत्म हो गई थी।