बीकानेर। नकल के मामले में आरोपी से रिश्वत लेने के आरोपी गंगाशहर थाने के थानेदार राणीदान चारण को एसीबी में गिरफ्तारी से भी छूट मिल गई है। हाईकोर्ट ने पिछले दिनों उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई तो खुद राणीदान जयपुर में ACB के समक्ष पेश हो गया। जहां उसने स्वयं को निर्दोष साबित करते हुए कुछ तथ्य भी रखे हैं। राणीदान का दावा है कि उसने न तो रुपए की मांग की और न ही किसी से रुपए लिए, बल्कि इस पूरे मामले को उजागर करने में उनकी भूमिका रही है।
जयपुर में राणीदान अपने वकील के साथ ACB मुख्यालय पहुंचा, जहां जांच अधिकारी हिमांशु यादव के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की। हाईकोर्ट के आदेश की वो प्रति भी सौंपी, जिसमें गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है। राणीदान ने अपनी तरफ से कई पक्ष रखे। ये भी कहा कि वो डिवाइस लेकर नहीं भागा और रिश्वत की कोई डिमांड भी नहीं की। इस मामले की नए सिरे से नए अधिकारी से जांच करने की मांग रखी गई है।
बीकानेर में भी पूछताछ नहीं
राणीदान पर बीकानेर गंगाशहर थाने में दर्ज मामले में भी अब तक पूछताछ नहीं हो सकी है। दरअसल, उसकी जांच एएसपी सिटी कर रहे हैं। इस मामले में उस पर डिवाइस छीनकर भागने का आरोप है। हाईकोर्ट ने इस एफआईआर में भी गिरफ्तारी पर पहले ही रोक लगा दी थी। करीब डेढ़ माह के बाद भी राणीदान से इस मामले में पूछताछ नहीं हुई है।
क्या है मामला ?
दरअसल, पंद्रह व सोलह जनवरी को गंगाशहर थाने में रिश्वत की शिकायत की गई थी। ये शिकायत नकल मामले में चप्पल की सप्लाई करने के आरोपी युवक ने की थी। उसका आरोप था कि वो गिरफ्तारी के वक्त लिया गया सामान वापस नहीं दे रहे हैं, सामान वापस देने के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहे हैं। एसीबी की एक टीम इसके बाद से थाने के आसपास थी। रिश्वत के रुपए देने से पहले ही राणीदान वहां से भाग गया और आरोप है कि वहां घूम रहे एसीबी के जवान के मास्क में लगी डिवाइस भी लेकर गया। इसी मामले में एएसआई जगदीश बिश्नोई पर भी रिश्वत का आरोप है।