शिक्षा विभाग ने राज्य के 1028 सरकारी सीनियर सैकंडरी स्कूल में नए प्रिंसिपल्स को पोस्टिंग दी है। ये प्रिंसिपल हाल ही में प्रमोट होने के बाद काउंसलिंग के माध्यम से इन स्कूलों तक पहुंचे हैं। जिन प्रिंसिपल ने काउंसलिंग में हिस्सा नहीं लिया था, उन्हें निदेशालय ने अपने स्तर पर ही पोस्टिंग देते हुए 18 सितम्बर तक जॉइन करने के आदेश दिए हैं।

शिक्षा विभाग में वर्ष 1989 से 2012-13 तक की वरिष्ठता रखने वाले लेक्चरर व हेडमास्टर को प्रिंसिपल के रूप में पिछले दिनों डीपीसी के माध्यम से प्रमोट किया गया था। इन प्रिंसिपल को बीकानेर में काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। महिलाओं और दिव्यांग को इच्छित स्थान देने के साथ ही वरीयता के आधार पर अपनी इच्छा की स्कूल चुनने का अवसर दिया गया। हालांकि विद्यालय चयन करने के टीचर्स के अधिकार को कुछ जिलों तक ही सीमित कर दिया। राज्य के सत्रह जिलों में फिलहाल इन प्रिंसिपल को पोस्टिंग नहीं दी गई है।

जिलों से बाहर जाना पड़ा है

शिक्षा विभाग ने राज्य के महज सोलह जिलों में पोस्टिंग की है, जबकि सत्रह जिलों में किसी भी नए प्रमोटेड प्रिंसिपल को अवसर नहीं दिया गया है। ऐसे में उन सत्रह प्रतिबंधित जिलों के प्रिंसिपल को भी अपने गृह जिले से बाहर पोस्टिंग लेनी पड़ रही है। बांसवाड़ा, बारां, बाडमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, जोधपुर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर में ही पोस्टिंग की गई है। बीकानेर, जयपुर, अजमेर, कोटा, नागौर, चूरू, सीकर, अलवर सहित अन्य शहरों के जिन टीचर्स को प्रिंसिपल में प्रमोट किया गया है, उन्हें अन्य जिलों में पोस्टिंग दी गई है। हालांकि आसपास के जिलों में ही पोस्टिंग देने का प्रयास हुआ है लेकिन टीचर्स फिर भी असंतुष्ट है। जैसे बीकानेर की महिला प्रिंसिपल को जैसलमेर में बीकानेर से सटे कस्बों में पोस्टिंग दी गई है।