बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि स्कूलों में पोषाहार के लिए उपलब्ध होने वाला खाद्यान्न पूर्ण गुणवत्तापूर्ण हों तथा पारदर्शिता के साथ वितरण हो, इसमें किसी भी स्तर पर कोताही नहीं होनी चाहिए। जितना खाद्यान्न स्कूलों के लिए आवंटित होता है वह अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में तुलवा कर स्कूलों में रखा जाए।
गौतम ने कलक्टर सभागार में जिला निष्पादन समिति की बैठक में शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित कर दिया जाए कि स्कूलों में जो खाद्यान्न सामग्री पहुंचती है, वह स्कूल में आवंटन के लिए जितना वजन निर्धारित है उतनी मात्रा में पहुंचे।

क्रय-विक्रय सहकारी समिति द्वारा जब स्कूल में खाद्यान्न पहुंचे, उस समय विभाग का एक अधिकारी तथा स्कूल का एक अध्यापक आवश्यक रूप से उपस्थित रहे और खाद्यान्न का वजन तीनों की उपस्थिति में हो, उसके बाद ही स्कूल में रखा जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में क्रय विक्रय सहकारी समिति के ठेकेदार द्वारा बिना अधिकारियों की उपस्थिति में खाद्यान्न स्कूल में ना रखा जाए। अगर इससे सम्बंधित कोई शिकायत प्राप्त हुई तो संबंधित क्षेत्र ब्लॉक सीबीईईओ तथा स्कूल के प्रधानाध्यापक के विरूद्व कार्यवाही की जाएगी।

कुमार पाल गौतम ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि क्रय विक्रय सहकारी समिति श्री डूंगरगढ़ द्वारा वर्ष 2016-17 में पोषाहार वितरण के दौरान अनियमितता की शिकायत के सम्बंध में जांच में पाया गया कि क्रय विक्रय सहकारी समिति के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इसमें कोताही कर खाद्य सामग्री स्कूलों में कम आवंटित की गई थी। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को कहा कि श्रीडूंगरगढ़ के इस पूरे प्रकरण की जांच की जाए और अनियमितता करने वाले क्रय विक्रय सहकारी समिति के व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जाए।

अन्नपूर्णा दूध योजना में गुणवत्ता की जांच
जिला कलक्टर ने कहा कि अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत विद्यालय में वितरित किए जाने वाले दूध की प्रतिदिन गुणवत्ता की जांच की जाए। सभी स्कूलों में जांच के लिए लेक्टोमीटर उपलब्ध रहे और दूध का नमूना स्कूल की छुट्टी होने तक सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने दूध की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को भी निर्देशित किया कि वह सभी ब्लॉक में कार्यरत ब्लॉक सीएमओ के माध्यम से प्रतिदिन उपखंड मुख्यालय की 4 और ग्रामीण क्षेत्रों की 4 विद्यालयों के सैंपल विभिन्न स्कूलों से प्राप्त कर दूध की गुणवत्ता की जांच करवाएं और जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उच्च गुणवत्ता युक्त दूध बच्चों को मुहैया करवा कर उनके स्वास्थ्य में गुणात्मक सुधार करना चाहती है ऐसे में सरकार की मंशा अनुसार पौष्टिक दूध बच्चों को मिले इसमें कहीं कोताही नहीं होनी चाहिए।

गौतम में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में विभिन्न विद्यालयों में चल रहे भवन निर्माण तथा अन्य कार्यों में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। जहां-जहां कार्य चल रहे हैं वहां कार्यकारी एजेंसी के नाम का एक बोर्ड लगा होना चाहिए तथा जिस योजना में कार्य हो रहा है उसकी संपूर्ण जानकारी, निर्माण कार्य प्रारंभ होने और पूर्ण होने की तिथि भी अंकित की जाए। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा योजना में जिले में संचालित विभिन्न कस्तूरबा गांधी विद्यालय व शारदे विद्यालय का समय-समय पर निरीक्षण करें तथा यहां आवासित विद्यार्थियों को घर जैसा माहौल मिले और बेहतर पढ़ाई हो इसका भी ध्यान रखा जाए।