अनूपगढ़
हे भगवान ऐसी अमानवीयता, यह खबर पढ़कर आपके मुंह से बस यही शब्द निकलेंगे। वाकया अनूपगढ़ का है। गुरुवार को यहां रेलवे लाइन के पार सुबह 9 बजे एक नवजात का शव मिला। सूचना पर पुलिस ने जाकर देखा तो एक गड्ढे में नवजात को दबाया गया था।
उसके ऊपर मिट्टी डाली हुई थी। नवजात की नाल तक नहीं काटी हुई थी। गड्ढे के आसपास कुत्ते मंडरा रहे थे। लापरवाही यह रही कि कार्रवाई को लेकर पुलिस व जीआरपी क्षेत्राधिकार आपस में ही उलझ गए। करीब 8 घंटे बाद पुलिस ने नवजात का पोस्टमार्टम करवाया और अज्ञात पर केस किया।
सुबह 9 बजे शव मिला शाम 5:30 बजे पाेस्टमार्टम
नवजात बालक के शव के स्थान के चलते पूरा मामला दिनभर दो विभागों के बीच उलझा रहा। नवजात शिशु का शव रेलवे लाइन से कुछ दूरी पर मिलने के कारण रेलवे पुलिस ने जीआरपी श्रीगंगानगर को सूचना दी। जीआरपी के हवलदार रणवीर सिंह मौके पर पहुंचे और मौका नक्शा भी तैयार कर लिया। इसके बाद उन्होंने उच्चाधिकारियों से वार्ता की। फिर स्थानीय पुलिस थाना में जाकर कहा कि यह मामला स्थानीय पुलिस का है, जीआरपी का नहीं है। दोनों विभाग क्षेत्राधिकार को लेकर उलझते रहे, जिस कारण शव का पोस्टमार्टम भी करवाने में देरी हुई। अंत में स्थानीय पुलिस ने ही इस मामले को अपने हाथों में लिया और शव का पोस्टमार्टम करवाकर दफना दिया। पुलिस ने अज्ञात पर केस किया है।
अनचाहे शिशु को फेंके नहीं, पालना गृह में छोड़ें
कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती है, जब गरीबी, लोक-लाज या किसी अन्य कारण से लोग नवजात शिशु को कूड़ेदान, नाली या सार्वजनिक स्थानों में छोड़ आते हैं, जिस कारण नवजात शिशु की मौत हो जाती है। ऐसी घटनाओं को रोकने तथा नवजात की जिंदगी को बचाने के उद्देश्य से जागरुकता जरूरी है। लोग अनचाहे शिशु को फेंके नहीं बल्कि उसे अस्पताल परिसर में स्थापित आश्रय केंद्र के पालने में छोड़ जाएं।