करौली।  राजस्थान के करौली जिला अस्पताल में शुक्रवार को मानवता को शर्मसार करने वाला नजारा देखने को मिला। यहाँ एक व्यक्ति की मौत के बाद चिकित्सकों ने शव को यह कहकर लौटा दिया कि इसका पोस्टमार्टम कुड़गांव अस्पताल में होगा। फिर कुड़गांव अस्पताल के चिकित्सकों ने कह दिया मोर्चरी नहीं है इसलिए शव को लेकर करौली जिला अस्पताल जाओ वहीं पोस्टमार्टम होगा। काफी प्रयास के बाद जिला अस्पताल करौली में पोस्टमार्टम के लिए बोर्ड गठित हुआ, लेकिन बोर्ड गठित होने के डेढ़ घंटे बाद चिकित्सक पहुंचे और कहा- अब रात हो गई। कलेक्टर की अनुमति लाओ तो ही पोस्टमार्टम होगा।

मिली जानकारी के अनुसार कुड़गांव थाना क्षेत्र के मोहनपुरा निवासी भगवान सिंह (55) पुत्र रामसिंह जाट शुक्रवार सुबह घाटी वाले बाबा मोहनपुरा के दर्शन करने के लिए पहुंचा। जहां दर्शन के बाद वह मंदिर के पीछे एक पाटोरपोश में बैठ गया। अचानक पाटोरपोश की पटिट्यां टूट गई। पट्टियों के नीचे दबने से भगवान सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी लगते ही रघुवंशी चौकी प्रभारी विजय कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और थानाधिकारी कुड़गांव ओमेन्द्र सिंह को मामले की सूचना दी। जिस पर चौकी प्रभारी शव को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।

जहां चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया। अंत में जिला अस्पताल करौली में ही शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया गया लेकिन सूर्यास्त होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका। आखिर कहां लेकर जाएं लाश मृतक के साथ आया उसका बडा भाई राधे, भतीजा योगेश, पड़ोसी उदयसिंह एवं रघुवंशी सरपंच पुत्र जीतेन्द्र चौधरी ने बताया कि दोपहर एक बजे पुलिस को सूचना दी और पुलिस मौके पर पहुंच गई।

इसके बाद शव को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सकों ने कहा कि पोस्टमार्टम कुड़गांव अस्पताल में ही होगा। मोर्चरी की चाबी देने से भी पुलिस को मना कर दिया। जिस पर हम शव को लेकर पुलिस के साथ वापस कुड़गांव अस्पताल के लिए रवाना हो गए।  कुड़गांव थानाधिकारी ने कुड़गांव अस्पताल में चिकित्सकों से बात की तो उन्होंने कहा अस्पताल में मोर्चरी नहीं है और ना ही संसाधन। पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में ही होगा। जिस पर हम शव को लेकर वापस करौली जिला अस्पताल आए।

काफी निवेदन के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखा गया। शाम 4 बजे प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया। उसके बाद भी पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सक 5:43 बजे आए। उन्होंने सूर्यास्त होने की बात कहकर कलेक्टर की अनुमति पर ही रात में पोस्टमार्टम करने या सुबह जल्द पोस्टमार्टम करने की बात कही और वहां से चले गए।

कुड़गांव चिकित्सक ने लिखित में किया मना
कुड़गांव थानाधिकारी ओमेन्द्र सिंह ने बताया कि शव को लेकर पुलिस जिला अस्पताल पहुंची तो चिकित्सकों ने कहा कि आपका थाना कुड़गांव और अस्पताल भी कुड़गांव लगता है। आप वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर जाइए।  जिस पर थानाधिकारी ने कुड़गांव सीएचसी प्रभारी डॉ. अमित को मामले से अवगत कराया तो उन्होंने कहा मैं अवकाश पर हूं। हमारे यहां मोर्चरी भी नहीं है और ना ही किट है।

कुड़गांव अस्पताल में डॉ. मनोज ने भी लिखित में मोर्चरी नहीं होने की बात कहते हुए पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया। जिस पर एएसआई विजय सिंह को जिला अस्पताल में ही पोस्टमार्टम कराने को कहा। पुलिस के काफी निवेदन के बाद जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम की अनुमति मिली, लेकिन देरी के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका और न ही उच्चाधिकारियों की रात को पोस्टमार्टम के लिए अनुमति मिल सकी। अब शनिवार सुबह पोस्टमार्टम होगा।

पहले नहीं हुई ऐसी अव्यवस्था
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश मीना ने बताया कि आज से पहले इस तरह का केवल एक मासलपुर से संबंधित मामला आया था वरना कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है।

समय पर सूचना नहीं
जिला अस्पताल के मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. राजेश मीना ने कहा कि मुझे 5:21 बजे पोस्टमार्टम के लिए सूचना मिली और मै तुरंत जिला अस्पताल पहुंच गया, लेकिन तब तक सूर्यास्त हो चुका था। सूर्यास्त के बाद कलेक्टर साहब की अनुमति पर ही पोस्टमार्टम किया जा सकता है।

पुलिस ने नहीं दिया पंचनामा
डॉ. गोविंद गुप्ता ने बताया कि सूचना मिलते ही लगभग 4 बजे मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया था, लेकिन पुलिस की ओर से पंचनामा नहीं मिलने के कारण पोस्टमार्टम समय पर नहीं हुआ और सूर्यास्त हो गया।

मामले की होगी जांच
कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि विशेष परिस्थितियों में ही रात को पोस्टमार्टम करने की अनुमति दी जाती है। मैं किसी मीटिंग के कारण बाहर हूं। इस मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।