REET को लेकर सदन में भारी हंगामा, धारीवाल बोले- RSS भी निंबाराम की वजह से बदनाम हुआ

जयपुर, विधानसभा में रीट धांधली पर 2 घंटे की बहस के बावजूद फिर गतिरोध बन गया है। बीजेपी विधायकों ने दो घंटे की बहस के बाद ससंदीय कार्यमंत्री शांति धारीपवाल के जवाब के बाद वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। शांति धारीवाल ने सीबीआई जांच की मांग ठुकराते हुए जब निंबाराम के बहाने आरएसएस पर आरोप लगाए तो बीजेपी विधायकों ने आपत्ति की। धारीवाल के जवाब के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि ससंदीय कार्यमंत्री मिसलीड कर रहे हैं। बाद में नाराज भाजपा विधायकों ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी।

 बोले धारीवाल?
रीट पर बहस के दौरान धारीवाल ने कहा कि बीजेपी राज में आरएसएस और बीजेपी के अनुशांगिक संगठनों के रिटायर्ड लोगों को डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर लगाया जाता था। प्राइवेट कॉलेज में काम करने वाले डॉ. एसएन नाथवत को रीट परीक्षा में जिला कॉर्डिनेटर बनाया था।

पाराशर जैसे व्यक्ति को हमने को-ऑर्डिनेटर लगा दिया, जिसकी वजह से हमें नीचे देखना पड़ रहा है। एक व्यक्ति् की वजह से पूरे संगठन को बदनाम नहीं कर सकते। क्या-क्या काम नहीं किए हैं राजीव गांधी स्टडी सर्कल ने, कई सेमीनार और अन्य आयोजन किए हैं। एक व्यक्ति की वजह से आप पूरे संगठन को बदनाम करो तो आपका आरएसएस तो बदनाम हो चुका। निंबाराम को लेकर बीवीजी कंपनी के एक पेमेंट के मामले में जो हुआ वह सबके सामने आया। शांति धारीवाल ने कहा कि आज के पीएम ने पहले सीबीआई के बारे कहा था कि कांग्रेस ने सीबीआई कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन बन चुकी है। सीबीआई को लेकर सुप्रीम कोर्ट जज ने कहा था कि वह तो तोता है।

इससे पहले रीट धांधली के मुदृदे पर कई दिनों से चला आ रहा गतिरोध दूर हो गया। हंगामे के लिए जिम्मेदार चार बीजेपी विधायकों का निलंबन रद्द हो गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गतिरोध तोड़ने की बात कही। नेता प्रतिपक्ष ने पहले निलंबित चार विधायकों को सदन में बुलाने और उनका निलंबन रद्द करने की शर्त रखी। इसके बाद ससंदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने चारों विधायकों की निलंबन वापसी की घोषणा की। ​चारों विधायकोंं की निलंबन वापसी की घोषणा के बाद स्पीकर ने प्रश्नकाल स्थगित करके सदन में रीट पर चर्चा शुरू हुई।

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि किस कोचिंग से कितने बच्चे पास हुए, उसका मिलान करना जरूरी है। आप अगर ईमानदारी से पिछली भर्तियों की जांच करोगे तो 25 से 30 फीसदी ऐसे मिलेंगे, जिन्होंने गलत तरीके अपनाकर या नकल करके नौकरी पाई है।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल के जरिए पूरा बंटाधार हुआ। 2012 में टेट हुई, तब आज के तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग बेार्ड के अध्यक्ष थे। उस समय नरेंद्र तंवर जो गर्ग का खास था, उसके घर छापा पड़ा तो 50 करोड़ की एफडी मिली थी। एक जीके माथुर भी पकड़े गए थे। ये सारे लोग गर्ग के खास थे।

रीट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए ​​​​उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पहले के शिक्षा मंत्री डोटासरा कहा करते थे कि ​रीट परीक्षा का नाम गिनीज बुक में दर्ज होगा। गिनीज बुक में होगा, रीट में जितनी चांदी कूटी गई है, उसका नाम जरूर गिनीज बुक में दर्ज होगा। जिन परीक्षा केंद्रों को ब्लैक लिस्ट किया, वे सफेद कैसे हो गए। 2011 में ब्लैक लिस्टेड कोलकाता की प्रिंटिंग प्रेस को क्यों पेपर छापने का काम दिया गया?

कल्ला बोले- भाजपा राज वाले ही को-ऑर्डिनेटर बने थे
रीट धांधली पर सदन में जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि नकल गैंग पुरानी समस्या रही है। हम अब नकल रोकने और गैंग रोकने के लिए हम कड़ा कानून बना रहे हैं। हमने वीके व्यास की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है, यह कमेटी 45 दिन में रिपोर्ट देगी। हम ऐसा कानून लाएंगे, जिसमें नकल करने वाले बचेंगे नहीं।

कल्ला ने कहा कि बीजेपी राज में भी प्राइवेट लोगों को समन्वयक बनाए जाते थे। इस परीक्षा में 39 जिला समन्वयक वही थे जो बीजेपी के राज में 2016 में थे। एक दो गलत लोगों की वजह से पूरे बोर्ड को बदनाम नहीं किया जा सकता। एसओजी किसी को बख्शेगी नहीं। मुख्यमंत्री इस मामले में सख्त हैं, किसी को नहीं छोड़ेंगे। जहां-जहां ट्रेजरी में जगह नहीं थी, वहां दूसरी जगह पेपर रखे गए। जिला स्तरीय समिति की मंजूरी के बाद ही पेपर रखे गए थे।

कल गहलोत अभिभाषण पर बहस का जवाब देंगे
आज और कल राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में बहस होगी। कल शाम 5 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब देंगे। गहलोत अपने जवाब में रीट को लेकर बीजेपी के उठाए मुद्दे का भी जवाब देंगे। सरकार रीट धांधलियों की सीबीआई जांच करवाने से साफ इनकार कर चुकी है। अब तक अभिभाषण पर बहस में किसी बीजेपी विधायक ने हिस्सा नहीं लिया है। बीजेपी को बहस के लिए पांच घंटे के आसपास का समय दिया है।

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