जयपुर, राजस्थान में बीती रात एक के बाद एक भूकंप के झटके लगे। जयपुर, श्रीगंगानगर, बीकानेर टोंक, जालोर, बूंदी जैसे शहरों में ये झटके महसूस किए गए। डर के मारे लोग घरों से बाहर निकल आए। कई शहरों में दरवाजे-खिड़कियां खड़खड़ाने लगीं। गनीमत रही कि फिलहाल किसी तरह की जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप का केंद्र जयपुर और गंगानगर जिलों में धरती के कई किलोमीटर नीचे रहा। धरती तब हिली, जब आधी रात लोग सो रहे थे। झटकों की तीव्रता कम होने के कारण ज्यादातर लोगों को भूकंप आने का एहसास नहीं हुआ। जानकारी के मुताबिक सबसे पहले भूकंप श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ में आया। इसका केंद्र पाकिस्तान की सीमा के बिल्कुल नजदीक था और जमीन के 10 किलोमीटर नीचे। यहां रात करीब 12.27 मिनट पर झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 रिकॉर्ड की गई। इसके 8 मिनट बाद ही जयपुर में भी धरती हिलने लगी। यहां रात 12.36 बजे भूकंप के झटके लगे। इस बार तीव्रता 3.6 दर्ज की गई। इस भूकंप का केंद्र जयपुर के फागी और चाकसू के बीच रहा। यह भी धरती से करीब 10 किलोमीटर अंदर था।

6 की तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक होता है
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली होता है।

ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।