बीकानेर। गांधी और अहिंसा निदेशालय द्वारा डागा पैलेस में तीन दिवसीय संभाग स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर मंगलवार को प्रारंभ हुआ। प्रशिक्षण के उद्घाटन समारोह में संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि गांधीजी का जीवन ही गांधी दर्शन है। दूसरों के दर्द को समझते हुए उसके निराकरण के लिए प्रयास किए जाने की भीतर से प्रेरणा गांधीजी के जीवन से ही मिल सकती है। तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की उपयोगिता पर बात करते हुए डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागी क्रांतिदूत बन कर निकलें और विपरीत परिस्थितियों में भी प्रेम और दया का संचार कर सर्वोदय के सूत्रधार बनें। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच गांधी दर्शन से ही सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन को पढ़ना ही आवश्यक नहीं है उससे भी जरुरी है कि इस दर्शन को जीवन में उतारा जाए। जिला कलक्टर ने कहा कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य महात्मा गांधी के जीवन के सिध्दांतों को आमजन से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र तक पहुंचे, जिससे समाज की विषमताओं को कम किया जा सके।
गांधीवादी विचारक प्रोफेसर सतीश राय ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को जनांदोलन बनाने और आम भारतीय में राजनीतिक संस्कृति विकसित करने में महात्मा गांधी का निर्विवाद रूप से सबसे अहम योगदान है और इसलिए गांधी सर्वकालिक रूप से प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि गांधी को लेकर देशभर में आम सहमति है और यही बात आज भी उनकी स्वीकार्यता को इंगित करती है। उन्होंने कहा कि दुनिया गांधी को महात्मा के रूप में जानती है, क्योंकि गांधी ने अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह जैसे सिद्धांतों से जीवन जीकर दुनिया के सामने इन्हें जीवन्त रूप में रखा। गांधीवादी विचारक डॉ. बी. एम. शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी के विलक्षण व्यक्तित्व से पूरे विश्व ने प्रेरणा ली है। सत्याग्रह और अहिंसा के विचार को महात्मा गांधी ने अपने जीवन में जीकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया और उसका परिणाम दुनिया जानती है कि किस प्रकार अहिंसा बड़े से बड़े बलशाली और हिंसक व्यक्ति को पराजित कर उसका व्यवहार बदल सकती है। उन्होंने कहा कि आज एक बार फिर महात्मा गांधी के सिद्धांतों को पढ़ने और आत्मसात करने की आवश्यकता है। शांति और अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि गांधी का जीवन सर्वोदय का दर्शन है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, महात्मा गांधी के जंतर पर आधारित योजनाएं लागू करवाते हैं जिससे पंक्ति के आखिरी व्यक्ति का उत्थान हो सके। निदेशालय की ओर से गांधी दर्शन के प्रचार प्रसार की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन नई पीढ़ी तक पहुंचे, यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। गांधी दर्शन में समाज के हर वर्ग को साथ लेकर समाजिक उत्थान की क्षमता है। उन्होंने प्रतिभागियों से अनुशासन के साथ गांधी दर्शन अपने जीवन में उतारने की अपील की।
जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी
चूरू के जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने गांधी दर्शन पर आधारित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन और पालनहार योजना दो अहम योजनाएं हैं, जिनमें वंचित वर्ग को बड़े स्तर पर लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने पालनहार व सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से वंचितों को जोड़ने के किए गए नवाचारों की जानकारी देते हुए पात्र वंचितों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए नियमित मानिटरिंग प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर के प्रतिभागियों को इन योजनाओं से जोड़ने के लिए प्रेरित करें।
गांधी समिति के जिला समन्वयक संजय आचार्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी और स्वागत उद्बोधन दिया। अहिंसा प्रकोष्ठ के समन्वयक राजेन्द्र जोशी ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।
इस अवसर पर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओमप्रकाश, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) पंकज शर्मा, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के गांधी स्टडियन सेंटर के डॉ. बिट्ठल बिस्सा, संजय पुरोहित,चूरू के जिला संयोजक दुलाराम , हनुमानगढ़ के सरवन तंवर, गंगानगर के प्रवीण गौड़ , सहित संभाग सभी जिलों से 240 प्रतिभाग…