बीकानेर। पर्यावरण की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले वन इन दिनों कम होते जा रहे हैं। वन विभाग एवं पुलिस की उदासीनता का परिणाम है कि हरे पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से की जा रही है। जितने पेड़ कट रहे, उसकी तुलना में पौधरोपण और पेड़ों का संरक्षण नहीं हो रहा। इसकी शिकायत अगर कोई करता है तो सुनवाई नहीं होती है।
सरकार द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा की दृष्टि से अधिक से अधिक पौधे लगाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए कई योजनाएं संचालित हैं। पौधरोपण का सपना साकार होता प्रतीत नहीं हो रहा है इसके बावजूद बचे हुए पेड़ों की कटाई पर लगाम नहीं लग पा रही है। दंतौर क्षेत्र में इस समय एक आरा मशीन संचालित हैं। जिसमे अंधाधुन्द पेड़ों की कटाई बिना अनुमति के कर के पर्यावरण को प्रभावित किया जा रहा है । वन विभाग की शह पर पेड़ों की कटाई की जा रही है। ऐसा आरोप लगा कर जीव रक्षा व पर्यावरण बचाने की मुहिम को आगे बढाने के क्षेत्र में अखिल भारतीय जीव रक्षा समिति बीकानेर के पदाधिकारियों ने बीकानेर वन विभाग के अधिकारियों को स्थानीय वन विभाग के कर्मचारियों व 6केएचएम के नबी खां की लिखित में शिकायत की। विभाग द्वारा जो पौधरोपण किया भी जाता है, उनमें से अधिकांश पेड़ देखभाल के अभाव में नहीं बच पाते जो बच जाते है उनको भी काटा जा रहा है।
इस संबंध में वन विभाग कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि पेड़ों की कटाई करने वालों एवं आरा मशीनों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है। दंतौर क्षेत्र में आरा मशीन व जिप्सम की फेक्ट्रियो पर हरे पेड़ काट-काटकर क्षेत्र को पेड़ विहीन बनाने की ओर कदम बढ़ा रहे है।
पेड़ों के अभाव में पहले ही बरसात कम हो रही है और अब तो वन माफिया सक्रिय होने से पेड़ों की कटाई जोरों से चल रही है आम दिनों लकड़ी से भरे अवैध वाहन दिख जाते है।