बीकानेर। अर्जुनसर सरपंच मघाराम मरोठिया व अन्य के खिलाफ विभिन्न कार्यों में सरकारी पैसों का गबन करने के मामले में परिवादी गोपाल सिंह सोलंकी ने माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष आपराधिक विविध याचिका दायर कर मामले में तीव्रता से निष्पक्ष अनुसंधान कराने की गुहार लगाई। इस पर माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ में जस्टिस कंवलजीत सिंह आहलूवालिया ने सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया कि मामले का अनुसंधान पुलिस उप अधीक्षक या इससे ऊपर के अधिकारी करें और दो महीने की समय अवधि के अंदर-अंदर अनुसंधान पूर्ण कर नतीजा संबंधित न्यायालय में पेश करें। याचिकाकर्ता गोपाल सिंह की ओर से अधिवक्ता गोवर्धन सिंह, रविंद्र सिंह और प्रमेश्वर पिलानियां ने पैरवी की।
यह था मामला
जून 2018 में अधिवक्ता गोपालसिंह सोलंकी ने बीकानेर एसीबी मेंं परिवाद दायर करवाते हुए आरोप लगाया था कि अर्जुनसर सरपंंच मघाराम मरोठिया, ग्राम सेवक रणजीत नायक, ग्राम विकास अधिकारी सतवीर चौधरी व पंचायत समिति में तकनीकि सहायक अशोक कुमार ने मिलकर जलकुंड बनाने, पशु सेड बनाने व विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्य बिना करवाए ही सरकारी पैसे का गबन कर लिया है और फर्जी पट्टे बनाने का कार्य भी इनके द्वारा किया गया है। मामले की प्राथमिक जांच करते हुए एसीबी की बीकानेर चौकी ने पीई जयपुर मुख्यालय को भेज दी थी। जिसके बाद चौकी की रिक्वायरमेंट पर जयपुर एसीबी ने मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए सभी आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।
बता दें कि बीच में एसीबी जयपुर द्वारा कार्रवाई में ढि़लाई बरतने पर अधिवक्ता गोपालसिंह जयपुर उच्च न्यायालय से भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश लेकर आए थे। विदित रहे कि गोपालसिंह ने आरोपियों पर कुल आठ आरोप लगाए थे, जिन्हें एसीबी ने जांच में सही मानकर मुकदमा दर्ज किया गया।