एयर इंडिया एयरबस पायलट ने अपने मैनेजमेंट को चेतावनी दी है कि यदि उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोरोना के टीके नहीं लगे तो वे काम बंद कर देंगे। पायलटों की यूनियन इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने मैनेजमेंट को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि एयर इंडिया की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीनेशन कैंप लगाकर क्रू मेंबर्स को टीके नहीं लगाए गए तो वे काम बंद कर देंगे। डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशंस को चिट्टी लिखकर एयर इंडिया के पायलटों से कहा है कि मैनेजमेंट की ओर से उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए वैक्सीन नहीं लगवाई जा रही है। पायलट एसोसिएशन ने कहा कि बड़ी संख्या में क्रू मेंबर्स कोरोना पॉजिटिव हुए हैं और ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए तड़प रहे हैं।
पायलटों का कहना है कि महामारी के दौर में वह बिना टीके के अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं। यही नहीं पायलटों ने कहा कि डेस्क जॉब करने वाले लोगों और वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं, लेकिन क्रू मेंबर्स को छोड़ दिया गया है, जिन्हें कोरोना का ज्यादा खतरा है। पायलटों ने अपनी चिट्ठी में लिखा, ‘यह दिल तोड़ने वाली बात है कि टॉप मैनेजमेंट की ओर से पायलटों को खतरे के बीच काम के लिए छोड़ दिया गया है। हमें उम्मीद है कि एयर इंडिया की ओर से क्रू मेंबर्स और उनके परिवारों को टीके के बिना नहीं छोड़ा जाएगा, जिन्होंने इस संकट के दौर में राष्ट्र के साथ खड़े होकर काम किया है।’
पायलटों ने कहा कि मैनेजमेंट का यह रवैया हमें निराश करता है। पायलटों का कहना है कि एक लेवल पर ऐसा नहीं है, लेकिन हमें छोड़ देना गलत है। यही नहीं पायलटों की ओर से कोरोना काल में वंदे भारत मिशन और अन्य कामों के लिए लगातार उड़ानें जारी रखने की याद भी दिलाई गई है। यूनियन ने कहा कि वह टीकाकरण के बिना अपने पायलटों की जिंदगी को खतरे में नहीं डाल सकती। यूनियन ने कहा कि फ्लाइंग क्रू के लिए कोई हेल्थ केयर सपोर्ट सिस्टम नहीं है। हमारे लिए बीमे जैसी कोई व्यवस्था नहीं है और संकट के इस दौर में ही सैलरी कट भी हुआ है।