जयपुर। प्रदेश में दीपावली के बाद कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। जयपुर सहित कई जिलों में कोरोना के नए मरीज सामने आए हैं। वहीं गुरुवार को भी प्रदेश में 18 नए मरीज सामने आए, जिससे अब प्रदेश में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 95 हो गई है। दीपावली से पहले यह संख्या 50 से कम थी।
इधर कोरोना के बढ़ते मामलों से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज अपने निवास पर कोरोना समीक्षा की आपात बैठक ली। सुबह 9:30 बजे मुख्यमंत्री आवास पर हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्य सचिव निरंजन आर्य और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्सा विशेषज्ञ बैठक में शामिल हुए। वहीं , चिकित्सा चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा गुजरात से बैठक में वर्चुअल जुड़े। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर सहित जिन जिलों में कोरोना के बढ़ते मामले सामने आए हैं वहां पर विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए।
छूट के दायरे में हो सकती है सख्ती
बताया जाता है कि राज्य सरकार की ओर से कोरोना के मामले कम होने के बाद शादी-समारोह, धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थानों और बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क अनिवार्य करने को लेकर चर्चा हुई है। कहा जा रहा है कि विशेषज्ञों ने भी गहलोत को इनमें थोड़ी सख्ती बरतने के सुझाव दिए हैं। चर्चा है कि मुख्यमंत्री गहलोत विशेषज्ञों की सलाह के बाद छूट के दायरे में थोड़ी सख्ती बरत सकते हैं।
सरकार इसलिए चिंतित
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो सरकार की परेशानी की एक वजह यह भी है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले कहीं संभावित तीसरी लहर के संकेत तो नहीं है, हालांकि सरकार ने संभावित तीसरी लहर को लेकर पहले से ही तैयारियां की हुई हैं। मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रदेश में मजबूत किया गया है।
मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग भूले
वहीं विशेषज्ञों की माने तो कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने और कोरोना के संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट के बाद प्रदेश भर में लोगों की लापरवाही सामने आ रही है, जहां लोग बिना मास्क पहने और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के नजर आ रहे हैं, कोरोना के बढ़ते मामलों की एक वजह यह भी है।
समीक्षा बैठक के बाद नई गाइड लाइन फैसला
बताया जा रहा है कि समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी करने का फैसला ले सकते हैं। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने का प्रावधान रख सकते हैं। साथ ही भीड़-भाड़ वाली जगहों लेकर भी गाइडलाइन जारी हो सकती है।
डेंगू भी बरपा रहा कहर
इधर समीक्षा बैठक में कोरोना के साथ ही डेंगू पर भी चर्चा हुई है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि अभी तक डेंगू के 14 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं, जिसमें लगभग 40 लोगों की जान जा चुकी है। सरकार की चिंता इसलिए ज्यादा है कि पहले साल 2017 में 13 हजार मामले सामने आए थे जो कि हर साल के मुकाबले डेंगू के मरीजों में सबसे ज्यादा थे, लेकिन इस बार प्रदेश के सभी 33 जिले भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं।