बीकानेर, शिक्षा का राष्ट्रपति अवार्ड इस बार बीकानेर की सुनीता गुलाटी और उदयपुर के दुर्गाराम मुवाल को दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इनके नाम घोषित किए है। इनमें सुनीता गुलाटी बीकानेर के सरकारी मूक बधिर विद्यालय में स्पेशल टीचर है जबकि बाल श्रम से चार सौ बच्चों को मुक्त कराने वाले दुर्गाराम मुवाल उदयपुर के सरकारी स्कूल में टीचर है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 46 टीचर्स की लिस्ट जारी की है, जिनको इस बार का राष्ट्रपति अवार्ड मिलना है। इस सूची में बीकानेर के राजकीय सीनियर सैकंडरी बधिर विद्यालय की सुनीता गुलाटी और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रज्ञापाड़ा के दुर्गाराम मुवाल काे शामिल किया है।

मूक बधिर बच्चों को समर्पित सुनीता

बीकानेर के राजकीय मूक बधिर विद्यालय की टीचर सुनीता गुलाटी ने वर्ष 2017 में सामान्य टीचर के रूप में इस स्कूल में ज्वाइन किया था। फिर बच्चों के साथ रहते हुए स्पेशल टीचर के रूप में ट्रेनिंग ली और अब रिहेबिलेशन कौंसिल ऑफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन करवाया है। सुनीता गुलाटी ने गूंगे व बहरे बच्चों को इतनी शिद्दत से तैयार किया कि नेशनल लेवल के साइंस कॉम्पिटिशन में तीन अवार्ड जीते। यहां तक कि सामान्य स्टूडेंट्स को हराकर भी इन विशेष बच्चों ने अवार्ड जीते। इंस्पायर अवार्ड में भी उनके स्टूडेंट्स आगे हैं।

चार सौ बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया

उदयपुर के दुर्गाराम गुलाटी को उनके अनूठे काम के लिए नेशनल टीचर अवार्ड मिल रहा है। उन्होंने करीब चार सौ स्टूडेंट्स को स्कूल से जोड़ने का काम किया। ये बच्चे बाल श्रम का काम करते थे। इसके लिए कई बार दुर्गाराम को जान से मारने की धमकी मिली। यहां तक कि जिन बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराकर स्कूल तक पहुंचाया, उनके अभिभावक भी दुर्गाराम से लड़ते रहे। इसके बाद भी उन्होंने बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का अनूठा काम किया।