सिजुरे कलेक्टिव सोसायटी की तरफ से आयोजित तीन दिवसीय तीसरी वार्षिक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद््रघाटन समारोह दिनांक 13.09.2019 को लालगढ़ पैलेस, बीकानेर के दरबार हॉल में राजकुमारी राज्यश्री जी, अध्यक्ष, महाराजा गंगासिंह जी ट्रस्ट, की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ । राज्यश्री बाईसा ने बीकानेर क्षेत्र की कला एवं संस्कृति पर चर्चा की। राजकुमारी राज्यश्री ने बताया की बीकानेर की संपन्न धरोहर और परंपरा कला, संगीत, संस्कृति और चित्रकला का अनुपम उदहारण है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. कमल दत्ता, चैयरमेन, पीएलए तथा विशिष्ट अतिथि प्रियंका दास, कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट मोरेना रहीं। जहाँ एक और मुख्या अतिथि एवं विशिष्ठ अतिथि ने कल्चरल ट्रांसलेशन तथा इससे उत्पन्न परिस्थितियों में न्याय तथा कानून के क्षेत्र में आये परिवर्तनों तथा कानूनों के बदलाव की जरुरत पर प्रकाश डाला तथा अध्यक्षीय उद्बोधन में राज्यश्री ने बीकानेर की स्थापना से लेकर वर्तमान परिपेक्ष्य में कला स्थापत्य संगीत के क्षेत्र की बीकानेर के सन्दर्भ में इस यात्रा को विस्तार से बताया।

उद्घाटन सत्र के पश्चात् की-नोट उद्बोधन जाने-माने समीक्षक एवं लेखक प्रो. सुबबारायडू द्वारा दिया गया। उन्होंने अनुवाद पर सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक और भाषायी प्रभावों पर प्रकाश डाला।
इसके तुरन्त पश्चात् जे एन यू के वरिष्ठ प्रोफेसर जी.जे.वी. प्रसाद ने अपने उद्भोदन में 19वीं व 20वीं शताब्दी की इंडियन इंग्लिश लेखिकाओं के पुनर्प्रस्तुतीकरण के तौर-तरीकों पर चर्चा की।

प्रथम दिन तीन तकनीकी सत्रों में 20 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। तकनीकी सत्रों के समानान्तर फड़-कार्यशाला का आयोजन प्रसिद्ध फड़-चित्रकार श्री सत्यनारायण जोशी द्वारा किया गया। तकनीकी सत्रों के समापन के पश्चात् प्रो. अशोक महापात्रा ने संबोधित किया । उन्होंने 1920 के दशक में 9 लेखकों द्वारा संयुक्त रूप से लिखा गया ऊडिया उपन्यास बसंती में निरूपित औरत की छवि पर प्रकाश डाला ।
इसके बाद प्रोफेसर सवर्नावेल एसवरन, मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी और प्रो. गीता गनपति दोरे, यूनिवर्सिटी ऑफ पेरिस-13 के उद्बोधन वर्चूअल प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत किए गए । प्रोफेसर सवर्नावेल ने फिल्म स्टडीज तथा प्रो. गीता गनपति दोरे ने फ्रांस में 20वीं शताब्दी के आखिरी दशक में जेन्डर से संबंधित हुए बदलाव व उनके कारकों पर चर्चा की ।

प्रथम दिन का समापन प्रोफेसर सवर्नावेल एसवरन की बहुचर्चित फिल्म कट्टुमारन की स्क्रिनिंग के साथ हुआ । यह फिल्म न सिर्फ देश-विदेश एवं दुनियाभर के विभिन्न फिल्म फेस्टिवल्स का हिस्सा रही है, बल्कि इस फिल्म ने इनसाइड ऑऊट फिल्म फेस्टिवल, न्यूयॉर्क में अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया है ।