बीकानेर : कल्ला ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी खुलवाने का किया आग्रह, पढ़े खबर

बीकानेर. राज्यपाल कलराज मिश्र (Rajasthan Governor) ने रविवार को यहां महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में संविधान पार्क और ऑक्सीजन पार्क का लोकार्पण एवं सोलर पार्किंग का शिलान्यास किया। समारोह में डॉ. बीडी कल्ला ने राज्यपाल से बीकानेर में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खुलवाने का आग्रह किया। जिस पर राज्यपाल ने कहा कि डॉ. कल्ला ने इस मंच पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की मौजूदगी के चलते शायद ऐसा कहा है। अर्जुनराम मेघवाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नजदीकी भी है। निश्चित रूप से प्रयास करे तो हो सकता है, कोई कठिन काम नहीं है। समारोह में शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने नेहरू परिवार का जिक्र करते हुए स्वतंत्रता संग्राम के दौरान का किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी जेल में रहे। बहुत से लोगों की तीन-तीन पीढि़यां एक साथ आजादी की लड़ाई के दौरान जेल में रहीं। जवाहरलाल नेहरू ने जेल में ही एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा था कि आजादी के बाद आनंद भवन और स्वराज भवन को वह देश को दान कर देंगे। जो बाद में उन्होंने किया भी। इसके बाद ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पहले कार्यकाल में बीकानेर को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की सौगात मिलने को याद दिलाया। साथ ही प्रदेश में तहसील और उपखण्ड मुख्यालयों पर खोले के गए महाविद्यालयों को गिनाया।

अमृत महोत्सव के बहाने जवाब

राजस्थान सरकार के दोनों मंत्रियों की ओर से किसी ना किसी बहाने कांग्रेस सरकार और उनके नेताओं का जिक्र करने पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी आजादी के अमृत महोत्सव के बहाने जवाब देने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि 12 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी जी की दांडी यात्रा शुरू करने के स्थान से आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत की। जो अब 15 अगस्त पर घर-घर तिरंगा के रूप में पूरे देश में छा रहा है। इसमें देश को 2047 तक विश्व गुरु बनाने के लिए काम करने का संकल्प भी है।

कोई जानता नहीं लेकिन बड़ा योगदान

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में हजारों लोगों का योगदान रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव में उन गुमनाम नायकों को भी याद करने का समय है, जिन्हें कोई जानता नहीं लेकिन बड़ा योगदान दिया। मेघवाल ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान चन्द्र शेखर आजाद और भगतसिंह आदि को अपने पिता से मिले 40 हजार रुपए देने वाली दुर्गा भाभी, 200 अंग्रेजी अफसरों को मारने वाले सैनिक गंगू मेहतर ओर मानगढ़ धाम में अंग्रेजों की तोप के आगे डटे रहकर प्राण न्यौछावर करने वाले 1500 आदिवासियों की वीरता के किस्से सुनाए।

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