बीकानेर। अर्से बाद जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो उनके हाथ में किताब बाद में आई और झाडू पहले। दरअसल, राज्य के अधिकांश सरकारी स्कूलों में सफाई कर्मचारियों के पद ही समाप्त हो गए हैं। ऐसे में बच्चों को दस महीने से बंद पड़े कमरों में खुद ही सफाई करनी पड़ी।
बीकानेर के नोखा स्थित बाबा छोटूनाथ स्कूल में स्टूडेंट्स पहुंचे तो वहां बंद क्लास रूम में मिट्टी की परतें बिछी हुई थी। इसे साफ करने के लिए बच्चों ने बैग किनारे रखे और झाडू उठाये। करीब एक घंटे तक स्कूल में सफाई अभियान चला। हालांकि कुछ कमरों की सफाई पहले करवाई गई थी लेकिन कुछ कमरे पूरी तरह मिट्टी से भरे पड़े थे। इसी तरह बीकानेर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय करमीसर में भी बच्चों को खुद सफाई करनी पड़ी। पहले तो स्कूल में ताला बंदी हो गई थी और बाद में बच्चे अंदर आये तो उनके हाथ में पौछा थमा दिया गया। इन बच्चों ने क्लास रूम में जाकर टेबल्स साफ की। इसके बाद ही यहां पढ़ने के लिए बैठा जा सका। हालांकि यहां भी कई कमरों की सफाई स्टॉफ के प्रयास से हुई थी। कक्षा नौ के बच्चों को अपने कमरे की टेबल्स साफ करनी पड़ी।