बीकानेर.खाजूवाला. जिले के खाजूवाला क्षेत्र में बुधवार को तेज बारिश के बाद गुरुवार सुबह एक कच्चा मकान ढह गया। इससे मकान में सो रहे एक ही परिवार के तीन जनों की मौत हो गई। मृतकों में तेरह साल का एक बालक भी शामिल है। हादसे का पता चलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मलबे को हटाकर उसके नीचे दबे परिवार के सदस्यों को निकाला। उस दौरान एक ऐसा ह्दय विदारक दृश्य सबके सामने आया, जिससे सभी कुछ पल को ठिठक कर रह गए। दरअसल, 38 साल की सावित्री को जब मलबे के नीचे से निकाला गया तो उसका मोबाइल उसके हाथों में था। लगा जैसे अंतिम समय तक भी वो मदद मांगने के लिए कोशिश करती रही थी, लेकिन उस तक मदद पहुंचने से पहले ही मौत पहुंच गई। गौरतलब है कि इस हादसे में तीन लोगों ने दम तोड़ दिया था। पुलिस के अनुसार 25 बीएलडी ढाणी में महावीर कुम्हार अपने परिवार के साथ रहता था। बारिश से उसका कच्चा मकान ढह गया। महावीर कुम्हार 40, उसकी पत्नी सावित्री 38 व बेटा योगेश 13 मलबे में दब गए। ग्रामीणों ने मलबे के नीचे दबे तीनों सदस्यों को बाहर निकाला और जिला प्रशासन व पुलिस को सूचना दी। थानाधिकारी हरपाल सिंह, खाजूवाला एसडीएम श्योराम व तहसीलदार गिरधारी सिंह मौके पर पहुंचे और हादसे की जानकारी जुटाई। खाजूवाला उपखण्ड क्षेत्र में लगातार तेज बरसात बुधवार की रात्रि को दंतौर क्षेत्र एक परिवार पर कहर बन कर टूट पड़ेेेेगी, ऐसा शायद ही किसी ने सोचा हो। मूसलाधार बारिश आनेेसे पहले चक 25 बीएलडीए निवासी महावीर, उसकी पत्नी सावित्री तथा पुत्र योगेश तीनों हमेशा की तरह खाना खाकर घर के बाहर ही सो गए थे। बुधवार रात्रि को तेज गर्जना के साथ बिजली चमकती रही और बरसात का अंदेशा होने पर वे घर के अंदर चले गए।उनके अंदर जाते ही तेज बरसात भी शुरू हो गई। शायद सभी को गहरी नींद आ चुकी थी कि इसी बीच लगातार मूसलाधार बारिश से कच्चा मकान भरभरा कर गिर गया। छत में लगे लोहे के भारी भरकम गर्डर, बल्लियों तथा मिट्टी के वजन से महावीर, योगेश व सावित्री की मृत्यु हो गई। महावीर के सिर पर लोहे का गाटर लगने से शायद तुरंत ही मृत्यु हो गई वहीं योगेश भी अपने पिता के पास ही मलबे में मृत पाया गया। सावित्री देवी ने शायद फोन करके मदद मांगने का प्रयास किया, लेकिन शायद उसकी सांसों की डोर ही छूट गई।