श्रीगंगानगर, हौद (डिग्गी) में डूबकर एक ही परिवार के 5 बच्चों की मौत हो गई। इनकी उम्र 8 से 13 साल के बीच थी। ये सभी आपस में चचरे भाई-बहन थे। किनारे पर खेल रहे एक बच्चे का पैर फिसला। वह पानी में चला गया। उसे बचाने के चक्कर में एक-एक कर बाकी चारों बच्चे भी गहरे पानी में चले गए और डूब गए। पास से गुजर रहे ग्रामीण ने शव तैरता हुआ देखा। उसने घरवालों को खबर दी। पूरे घर में कोहराम मच गया। मरने वालों में सगे भाई-बहन शामिल हैं। मामला श्रीगंगानगर के रामसिंहपुर का है।

गुड्डी पूजन के लिए गई थीं महिलाएं
रविवार दोपहर रामसिंहपुर इलाके के गांव पांच यूडीएम (उदासर) में दर्दनाक हादसा हुआ। बच्चे श्रावणी तीज पर परिवार की महिलाओं के साथ गुड्‌डी पूजन के लिए डिग्गी के पास गए थे। महिलाएं वहां से लौट गईं, लेकिन बच्चे वहीं रुक गए। बच्चे खेलते-खेलते डिग्गी के पास पहुंच गए। इस दौरान एक किसान ने उन्हें डिग्गी से दूर भी किया। कुछ देर बाद बच्चे फिर से वहीं चले गए। अचानक एक बच्चे का पैर फिसल गया। वह गहरे पानी में चला गया। उसे बचाने के लिए दूसरा बच्चा डिग्गी की ओर बढ़ा, वह भी डूब गया। इसी तरह एक-एक कर पांचों डिग्गी में डूब गए, जिससे उनकी मौत हो गई।

सगे भाई-बहन की भी जान गई
पांचों बच्चे मजदूर परिवारों के थे। इनमें भावना (10) पुत्री गोरधन, निशा (11) पुत्री विनोद, आशीष (10) पुत्र अनिल, राजेश (8) पुत्र गोरधन और अंकित (9) पुत्र संदीप शामिल हैं। अंकित, आशीष, भावना, राजेश और निशा भाई-बहन थे। इनमें राजेश और भावना सगे भाई-बहन थे। बाकी तीनों बच्चे कजिन थे। हादसे ने राजेश और भावना के परिवार को तोड़कर रख दिया है। इनके पिता गोरधन का रो-रोकर बुरा हाल था। गोरधन के परिवार में राजेश, राकेश और भावना तीन बच्चे थे। इनमें राजेश और राकेश जुड़वा थे। भावना इनकी इकलौती बहन थी। हादसे के बाद राकेश ही बचा है। भाइयों की जोड़ी तो टूटी ही, इन्हें राखी बांधने वाली इनकी बहन भावना भी अब दुनिया में नहीं रही है।

जानकारी मिलते ही पहुंचे मौके पर
घटना की जानकारी मिलते ही बच्चों के परिवार वाले मौके पर पहुंच गए। तब तक ग्रामीण बच्चों के शव निकालने में लगे हुए थे। बच्चों के शव देखकर परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मौके पर पहुंची रामसिंहपुर पुलिस ने शव कब्जे में लिए और उसे रामसिंहपुर के सरकारी हॉस्पिटल ले गए।

गांव में शोक का माहौल
हादसे के बाद रामसिंहपुर के सरकारी हॉस्पिटल में भीड़ जुट गई। पूरे गांव का माहौल गमगीन है।