बीकानेर, शनिवार शाम को बीते 24 में घंटे हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती 72 रोगियों की धड़कनाें पर संकट छाया रहा। वजह, शुक्रवार शाम को ट्रांसफार्मर में मेजर फाल्ट के बाद इस हॉस्पिटल की लाइट बंद हो गई। कोढ़ में खाज यह कि वैकल्पिक व्यवस्था वाला जेनरेटर भी दो दिन पहले ही बंद हुआ था जिसे ठीक करने में सात से आठ दिन लगने का अनुमान है। ऐसे में आईसीयू में भर्ती 25 रोगियों की धड़कनों पर संकट छा गया। इनमें से तीन वेंटीलेटर पर थे। गनीमत यह रही कि ऑक्सीजन लाइन चालू रही और वेंटीलेटर का बैकअप खत्म होने से पहले हॉस्पिटल परिसर में किराये का जेनरेटर पहुंच गया। इस जेनरेटर से आईसीयू को जोड़ा फिर वार्ड और अन्य इमरजेंसी सेवाएं शुरू की। इसके बावजूद रात को बार-बार ट्रिपिंग की समस्या बनी रही। शनिवार सुबह डीजल खत्म होने से यह जेनरेटर भी बंद हो गया। डीजल भरकर चालू किया तो दोपहर को एक बजे तक इतना गर्म हो गया कि चालू रख पाना मुश्किल हो गया। इसी बीच एक और बड़ा जेनरेटर किराये पर मंगवाया। इसे चालू कर लाइन शिफ्ट की गई। ऐसे में बीते 24 घंटे में बार-बार डॉक्टर्स को मोबाइल की रोशनी में ही इलाज करना पड़ा। कैथलैब चालू नहीं हो पाने से 25 मरीजों की एंजियोग्राफी-एंजियोप्लास्टी टल गई। अब रविवार को व्यवस्था सही होने पर इमरजेंसी केस होंगे। सोमवार से ट्रीटमेंट फिर पटरी पर लौटने का अनुमान है।
जेनरेटर खराब, ट्रांसफार्मर हाइपो टेस्ट में फेल
हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में बिजली संकट को आकस्मिक घटना नहीं कह सकते। वजह, यहां लगा 1000 केवीए का ट्रांसफार्मर लगभग छह महीने पहले खराब हुआ था। एक्सपर्ट्स ने इसे बदलवाने की जरूरत बताई थी। हॉस्पिटल प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। दो दिन पहले जेनरेटर भी खराब हो गया। इसके बावजूद वैकल्पिक जेनरेटर पहले से मंगवाकर नहीं रखा। शनिवार को संकट आने के बाद इसे ठीक करवाने के लिए इंजीनियर्स को बुलाया। अब ट्रांसफार्मर ठीक करवाकर इसे फिर से चालू करने की कोशिश हो रही है। एक्सपर्ट्स की राय में यह भी रिस्की है। वजह, इस ट्रांसफार्मर के जो तीन टेस्ट किए हैं उनमें से हाईपो टेस्ट में यह फेल हो चुका है। ऐसे में चालू करने से पहले इसे खोलकर कुछ अन्य तकनीकी टेस्ट करने की जरूरत है।
..ताे खराब हाे जाता 950 यूनिट खून – हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल के ट्रांसफार्मर से ही ब्लड बैंक बिल्डिंग भी जुड़ी है। ऐसे में इस भवन की लाइट भी बंद हो गई। चूंकि यहां अलग से जेनरेटर लगा है जिसे रात में ही चालू कर दिया गया। पिछले 24 घंटे से इस भवन की बिजली भी जेनरेटर पर है। विभागाध्यक्ष डाॅ.एन.एल.महावर का कहना है,ब्लड स्टोरेज यूनिट का टेंपरेचर जेनरेटर से मेंटेन रहा और यहां रखा 950 यूनिट खून खराब होने से बच गया।
रात भर जागे रहे डॉक्टर्स
बिजली फेल्योर हो जाने के बाद ट्रीटमेंट को सुचारु रखना और मरीजों की जान बचाना चुनौती बना हुआ था। वेंटीलेटर चालू रहे इसलिए गंभीर रोगियों की जान भी बचा पाए। हमारे डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पूरी रात जागता रहा।
डर में गुजारी रात
आईसीयू में भर्ती रोजा गांव के डालचंद ने कहा-पूरी रात डर में गुजरी। बार-बार पिताजी को संभालते रहे। समझ ही नहीं पा रहे थे कि गर्मी से घबराहट हो रही है या बीमारी से। रानी बाजार की बसंती देवी के परिजन बोले, दवाई नेबुलाइजर से देनी थी। लाइट ही बंद हो गई। शुक्र है ऑक्सीजन लाइन चालू थी।