12 साल पहले पॉश इलाके लालगढ़ करणी नगर में खनिज भवन के लिए दी गई 25324.20 वर्ग मीटर जमीन का अलॉटमेंट निरस्त किया जाएगा। यूआईटी ने नियमों का हवाला देते हुए इसकी तैयारी कर ली है।

बीकानेर, में यूआईटी ने 10 साल पहले खनिज भवन के लिए करणी नगर में 26969.06 वर्ग मीटर जमीन अलॉट की थी जो बाद में 25324.20 वर्ग मीटर कर दी गई। खान महकमा अब तक जमीन, लीज मनी और शास्ती के 3.65 करोड़ रुपए जमा भी करा चुका है, लेकिन उसके अधिकारी खनिज भवन निर्माण के प्रति गंभीर नहीं। खान महकमे के सात में से छह ऑफिस किराये पर चलने के बावजूद 12 साल बीत जाने के बाद भी खनिज भवन का निर्माण नहीं किया। अलॉट की गई जमीन पॉश रिहायशी इलाके में है जिसकी कीमत अब पांच गुना से भी ज्यादा हो चुकी है। इसे देखते हुए यूआईटी ने नियमों का हवाला देते हुए खनिज भवन के लिए अलॉट जमीन को निरस्त करने की तैयारी कर ली है। जमीन अलॉट होने के दो साल बाद भवन निर्माण नहीं करने पर अलॉटमेंट निरस्त करने का प्रावधान है।

लीज मनी के 48.54 लाख रुपए बकाया, यूआईटी और खान विभाग में चल रही है खींचतान
यूआईटी और खान विभाग दोनों सरकारी महकमों में खनिज भवन की जमीन को लेकर खींचतान चल रही है। यूआईटी लीज मनी के 48.54 लाख रुपए बकाया बता रहा है, जबकि खान विभाग का कहना है कि 1650 वर्ग फीट जमीन कम देकर 22.29 लाख रुपए ज्यादा ले लिए गए हैं जो वापस लौटाए जाएं। खनिज भवन के लिए साल, 10 में प्रक्रिया शुरू हुई और यूआईटी ने लालगढ़ करणी नगर में 26969.06 वर्ग फीट जगह तय कर दी। जमीन के अब तक कुल तीन करोड़ 65 लाख 52,937 रुपए जमा हो चुके। लेकिन, यूआईटी की ओर से खान विभाग को पत्र लिखकर एकमुश्त लीज मनी के 48.54 लाख रुपए बकाया बताए गए हैं। इस बीच खान विभाग को पता चला कि मौके पर जमीन 26969.06 वर्ग फीट से घटाकर 25324.20 वर्ग फीट का ही कब्जा देकर पट्टा जारी किया है। तो खनि अभियंता ने जुलाई में यूआईटी को पत्र लिखकर ज्यादा लिए गए 22.29 लाख रुपए वापस लौटाने के लिए कहा है।खान विभाग के सात में से छह ऑफिस किराये पर चल रहे हैं बीकानेर जिले में खान एवं भूविज्ञान विभाग के सात ऑफिस हैं। इनमें से केवल चौपड़ा कटला स्थित खनि अभियंता का ऑफिस ही सरकारी भवन में चल रहा है। मेडिकल कॉलेज के पास अधीक्षण खनि अभियंता बीकानेर वृत्त, शास्त्री नगर में अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान और अधीक्षण भूवैज्ञानिक, कीर्ति स्तंभ पर अधीक्षण खनि अभियंता सतर्कता और खनि अभियंता सतर्कता, पवनपुरी साउथ में अधीक्षण अभियंता यांत्रिक एवं छीद्रंण के ऑफिस किराये पर चल रहे हैं। सरकार को इन पर करीब सवा लाख रुपए प्रतिमाह खर्च करना पड़ रहा है जो खनिज भवन बनने से बचेगा। इसके अलावा सभी अधिकारी एक ही बिल्डिंग में बैठेंगे तो आमजन और खनन व्यवसायियों को भटकना नहीं पड़ेगा।