जोधपुर। राजस्थान में जोधपुर कमिश्ररेट पूर्व की डांगियावास पुलिस पर बुधवार रात तस्करों ने हमला कर दिया, जिसमे थानाधिकारी और दो सिपाही जख्मी हो गए। वहीं, तस्कर धक्कामुक्की कर भागने में सफल हो गए। पुलिस ने उनको दबोचने के लिए जगह-जगह नाकाबंदी भी करवाई व उनसे संबधित स्थानों पर दबिश भी दी, लेकिन देर शाम तक पुलिस को इसमे किसी तरह की कोई सफलता नहीं मिली। घटना के संबंध में डांगियावास थानेदार की तरफ से हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ है। पुलिस ने मौके पर स्कार्पियो को जब्त किया। जिसमें फर्जी नंबर की प्लेटें होने के साथ 20 कारतूस, दो खाली कारतूस के खोल, एक 12बोर एक्शन गन मिली है। पुलिस तस्करों की तलाश कर रही है।
पुलिस गश्तीदल पर रात को हमला हुआ। पुलिस ने सामने से आ रही एक स्कार्पियो को रुकवाया, रुकने के बजाय तस्करों ने पुलिस पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। इस दौरान स्कार्पियो से एक तस्कर उतर कर भाग गया, जबकि दो तस्करों को थानेदार व दो सिपाहियों ने दबोच लिया। लेकिन धक्कामुक्की और मारपीट कर दोनों तस्कर भी भाग गए। एसीपी मंडोर राजेेंद्र प्रसाद दिवाकर ने बताया कि डांगियावास थानाधिकारी सब इंस्पेक्टर कन्हैयालाल, सिपाही तेजाराम और महेंद्र रात को गश्त पर थे। तभी सामने से आ रही एक स्कार्पियो को रुकने का इशारा किया गया। चालक ने पुलिस की गाड़ी को टक्कर मारने के साथ थानाधिकारी कन्हैयालाल पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। इसके बाद दो अन्य शख्स भी मारपीट कर भाग गए, जिनकी पहचान पीपाड़शहर के कुड़ निवासी सुरजाराम जाट पुत्र प्रतापराम जाट और कोकुडा निवासी सोहन उर्फ फौजी पुत्र गुणेशाराम जाट के रूप में हुई है।
मौके पर मिली स्कार्पियो की तलाशी में 20 जिंदा कारतूस, दो खाली कारतूस के खोल और एक बारह बोर पंप एक्शन गन मिली है, वहीं गाड़ी में कुछ नंबर प्लेटें मिलीं। प्रथम दृष्टया स्कार्पियो चोरी की निकली है। फर्जी नंबर प्लेटें लगाकर उसे चलाया जा रहा था। थानाधिकारी कन्हैयालाल ने बताया कि पीपाड़शहर के कुड़ का रहने वाला सुरजाराम आर्म्स एक्ट केस में न्यायिक अभिरक्षा में था। वह 10 अक्टूबर से पैरोल अवधि से फरार चल रहा था। आदतन अपराध प्रवृति का है। उसके साथ उसका साला सोहन उर्फ फौजी है, जोकि वर्तमान में सैन्यकर्मी है। वह संभवत: छुट्टियों पर हो सकता है। यह लोग मादक पदार्थ और अवैध हथियारों की तस्करी में वांछित रहे है। इन्हें पकड़ने के लिए ग्रामीण पुलिस ने भी नाकाबंदी की, मगर उनका पता नहीं चल पाया।