बीकानेर पांच सितंबर को अचानक हरिके बैराज से आई गेज में राजस्थान को 9700 क्यूसेक पानी देने का दावा किया गया। आईजीएनपी अभियंताओं ने 6000 क्यूसेक के हिसाब से नहराें में पानी का बंटवारा कर रखा था, लेकिन अचानक से बढ़े पानी का उपयोग करने के लिए 2500 क्यूसेक अनूपगढ़ ब्रांच में छाेड़ दिया गया। अभियंताओं की चिंता तब बढ़ गई जब पंजाब से चला 9700 क्यूसेक पानी राजस्थान में 7500 क्यूसेक ही पहुंचा।
इसके बाद हर 12 घंटे में पानी घटता गया। 9700 से 9000, फिर 8500 और बाद में 7500 रह गया। लेकिन पानी कम मिलने से अनूपगढ़ ब्रांच में पानी छोड़ने की प्लानिंग बिगड़ गई। इसलिए 24 घंटे पानी चलने के बाद जैसे ही हरिके से 6000 क्यूसेक पानी हुआ ताे अनूपगढ़ ब्रांच में पानी देना बंद कर दिया। पानी घटने के बाद किसानों का विरोध शुरू हो गया।
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब पंजाब से 9700 क्यूसेक पानी छाेड़ा गया ताे वाे पूरा राजस्थान में क्याें नहीं पहुंचा। राजस्थान रेगुलेशन विंग के अभियंताओं ने पता लगाया ताे खुलासा हुआ कि पंजाब ने कागजाें में ही पानी बढ़ाया। यहीं से अनूपगढ़ ब्रांच काे लेकर गफलत बढ़ गई। चार-पांच सितंबर काे ही पूर्व संसदीय सचिव डॉॅ. विश्वनाथ मेघवाल समेत तमाम नेता बिरधवाल हैड पर धरना देने पहुंच गए।
इत्तिफाक से उसी दिन अनूपगढ़ ब्रांच में पानी छोड़ दिया तो राजनीति गरमा गई लेकिन जैसे ही पानी बंद हुआ तो विरोध शुरू हो गया। वैसे अनूपगढ़ ब्रांच की अघोषित बारी 12 सितंबर से शुरू हाेगी। क्योंकि अभी नाैरंगदेसर वितरिका और रावतसर ब्रांच की वरीयता है।
इधर, पानी कम मिलने पर राजस्थान ने पंजाब के सामने दर्ज कराया विरोध
राजस्थान ने हरिके बैराज से भेजी गई गेज और हकीकत में पहुंचे पानी के बीच के अंतराल काे लेकर पंजाब के समक्ष विराेध दर्ज कराया है। राजस्थान ने कहा कि पंजाब से अचानक बढ़ी गेज के आधार पर अनूपगढ़ ब्रांच में पानी छाेड़ा था, लेकिन हकीकत में उतना पानी नहीं मिला।
पंजाब ने तर्क दिया कि हरिके बैराज पर बारिश का अतिरिक्त पानी आ गया था, जिसकी वजह से राजस्थान का पानी बढ़ाया था। अब पानी सीमित है इसलिए कम किया गया। अनूपगढ़ ब्रांच की बारी पूरी हाेने पर पूगल और चारणवाला में पानी का इंतजार होने लगा है।
पंजाब से पानी अचानक बढ़कर मिला इसलिए अनूपगढ़ ब्रांच में 2500 क्यूसेक पानी दिया था। हमने किसी भी राजनीतिक दबाव में पानी नहीं दिया है। 11 काे ही अनूपगढ़ में पानी दे देंगे।-प्रदीप रुस्तगी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता रेगुलेशन