
बीकानेर। कोरोना के चलते जहां एक तरफ देवी देवताओ के मेलो पर तो रोक लगी है वहीं दूसरी तरफ अपने आप को भगवान से बड़े मानने वाले नेताओ के दर्शनार्थियों की भीड़ सर्किट हाउस में जम कर लगी। पीसीसी चीफ और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा दो दिवसीय के बीकानेर दौरे पर है। इस दौरान देर रात्रि को सर्किट हाउस में मेले सा माहौल देखने को मिला।
कोरोना के चलते शहर में धारा 144 अभी भी लागू है। लेकिन तस्वीरों मैं साफ देखा जा सकता है कि सर्किट हाउस में देर रात न तो सोशल डिस्टेंसिंग दिखी ना मास्क की अनिवार्यता, लॉकडाउन के दौरान कोविड गाइड लाइन की पालना करवाने आम आदमी के हजारों चालान काटने वाली पुलिस भी मूकदर्शक की भांति खड़ी रही। सुरक्षा के लिए खाकी वर्दी का मूल कार्य कोरोना की गाइड लाइन की पालना करवाना है और काफी बार देखने को भी मिला है कि जहां स्कूल व कॉलेज के छात्र-छात्राओं में कोई बगैर मास्क के दिखा तो रोककर उठ-बैठ करवाई गई है परन्तु इन सफ़ेद वर्दी के भगवान के यहां सारे गुनाह माफ़ है इसलिए सर्किट हाउस में कोरोना गाइड लाइन की पालना करवाना उचित नहीं समझा गया। कुर्सी की चाह में सर्किट हाउस में कांग्रेसी नेता अपने समर्थकों के साथ सर्किट हाउस में मजमा लगाए बैठे रहे। दरअसल पीसीसी चीफ, जिले के प्रभारी मंत्री 2 दिन के बीकानेर दौरे पर हैं। लेकिन डोटासरा के सर्किट हाउस पहुंचने के बाद सीएम अशोक गहलोत की वीसी में पहुंच गए थे जहां से वह पूर्व नियोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में कलेक्ट्रेट पहुंच गए करीब 5 घंटे बाद वापस जब वे सर्किट हाउस पहुंचे तो सैकड़ों कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने उन्हें घेर लिया। राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चल रही जोर आजमाइश के बीच में सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई।