जयपुर। सुप्रीम कोर्ट से आज राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। बजरी लीज मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। 10 अप्रैल को हाईकोर्ट ने प्रदेश की बजरी की 80 एल ओ आई को निरस्त करने के राज्य सरकार के फैसले को सही माना था।
इसके बाद एलओआई होल्डर वेलफेयर सोसायटी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी वहीं राज्य सरकार ने भी मामले में कैविएट लगाई थी, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई करते हुए एलओआई होल्डर्स वैल्फेयर सोसायटी के तर्कों को सही माना और हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे दे दिया। ध्यान रहे इससे पहले 10 अप्रैल को हाईकोर्ट में राज्य सरकार के लीज निरस्त करने के फैसले को सही माना था। प्रदेश के 82 एल ओ आई होल्डर्स को 31 मार्च 2018 से पहले पर्यावरण मंजूरी यानी ईसी लेना जरूरी था।
जो इसे नहीं ले पाए उनकी 31 मार्च 2018 के बाद एलओआई स्वत: ही निरस्त हो गई। इस फैसले से सीधे तौर पर 80 एलओआईधारक प्रभावित हो रहे थे। एलओआई होल्डर्स वैल्फेयर सोसायटी के अध्यक्ष नवलसिंह रत्नावत ने बताया कि सरकार एलओआई के मामले में शुरू से गलत तर्क दे रही है। जब एलओआईधारकों ने ईसी के लिए सक्षम स्तर पर आवेदन कर रखा था और सुनवाई में भी मौजूद रहे। एलओआई तब निरस्त मानी जानी चाहिए थी जब तीन वर्ष के लिए लीज हो जाती जबकि ऐसा नहीं हुआ था।