जयपुर। सेना ने पहली बार महिलाओं को सैन्य पुलिस में 100 पदों पर भर्ती करने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किया है। ऐसा पहली बार होगा जब सेना में सैन्य पुलिस में सैनिकों के रूप में महिलाएं आवेदन कर सकती हैं। सेना के इस कदम के संबंध राजस्थान हाईकोर्ट के एक फैसले से भी जुड़े है। राजस्थान हाईकोर्ट की एडवोकेट माही यादव पिछले लंबे समय से सेना में महिलाओं की भूमिका बढाने के लिए संघर्ष कर रही है। उन्ही की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने स्वीकार किया था कि वो देश की सेना में महिलाओं को प्रवेश के लिए सेना स्कूल और आर्मी स्कूल में महिला वर्ग को प्रवेश की अनुमति देगा।
आर्मी परिवार से ताल्लुक रखने वाली जयपुर की एडवोकेट माही यादव ने वर्ष 2016 में राजस्थान हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की। इस जनहित याचिका में माही यादव ने देश के सेना और आर्मी स्कूलों में महिलाओं के प्रवेश का मामला उठाया। इसके साथ ही सैनिक स्कूल और आर्मी स्कूलों में महिलाओं के प्रवेश नही देने को चुनौति दी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को सैनिक स्कूलों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर नीति बनाने को कहा था। जिस पर केन्द्र की मोदी सरकार ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए कोर्ट में स्वीकार किया था कि वे इस मामले में पॉलिसी बनाकर कार्य करेंगे।
केन्द्र सरकार और सेना के इस सकारात्मक कदम उठाने में राजस्थान हाईकोर्ट में केन्द्र के एडिशनल सॉलिस्टर जनरल आर डी रस्तोगी ने भी अहम भूमिका निभाई थी। सेना में जेंडर आधारित आरोपों की जांच के लिए महिला कर्मियों की जरूरत हमेशा से ही महसूस की जाती रही है। ऐसे में मिलिट्री पुलिस में महिलाओं को शामिल करना जरूरी था, लेकिन अब तक महिलाओं को थलसेना की मेडिकल, कानूनी, शैक्षणिक, सिग्नल एवं इंजीनियरिंग जैसी चुनिंदा शाखाओं में ही काम करने की इजाजत थी। सैन्य पुलिस में महिलाओं को शामिल करने की योजना को अंतिम रूप देने के बाद सेना ने विज्ञापन भी जारी कर दिया है। इसके बाद अब भारतीय थलसेना पुलिस की कमान महिलाओं के हाथ में होगी। एडवोकेट माही यादव कहती है कि देश की हजारों बेटिया सेना में जाने के लिए तैयार है लेकिन इसके लिए उनके सामने सीमित रास्ते थे। उनकी पीआईएल पर सेना पहले ही बेटियों को सेनिक स्कूल और आर्मी स्कूल में प्रवेश दे चुकी है, लेकिन सेना पुलिस में अनुमति देने से देश की हजारो बेटियां अब सेना में जा सकेगी।
बहरहाल सेना ने सैन्य पुलिस में सैनिकों के रूप में महिलाओं के पद मांगे है इस पद के लिए आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जिसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया है। महिलाएं 8 जून तक आवेदन कर सकती है। सेना के जनरल बिपिन रावत ने सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद इस परियोजना को शुरू किया जो अब मूर्तरूप लेने जा रही है। पुरुषों के एकाधिकार वाले इस क्षेत्र में महिलाओं को एंट्री मिलना लैंगिक बराबरी की दिशा में एक सराहनीय और सार्थक कदम है। इससे बेटी और बेटे के बीच भेद तो कम होगा ही साथ ही महिलाएं भी गौरान्वित महसूस कर सकेंगी।