
बीकानेर । वेटरनरी विष्वविद्यालय में एकल स्वास्थ्य मिशन की चुनौतियों का सामना करने के लिए और बेहतर पशु स्वास्थ्य के समग्र पशुचिकित्सकीय दृष्टिकोण” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शनिवार तक देश के विभिन्न कोनों से आए संभागियों ने लीड पेपर, ओरल प्रजेन्टेशन और पोस्टर प्रदर्षित कर शोध और अनुसंधान की जानकारी साझा की गई। राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन सचिव प्रो. ए.पी सिंह ने बताया कि देष के सभी वेटरनरी विष्वविद्यालय कॉलेज और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसंधान संस्थानों के करीब 450 पशुचिकित्सा वैज्ञानिक और शोधार्थी इसमें भाग ले रहे हैं। शनिवार को आयोजित 7 तकनीकी सत्रों में वन्य, चिडिय़ाघरों व प्रवासी पशु-पक्षियों में होने वाली बीमारियों, घोड़ों, ऊंटों, यॉक और मिथुन प्रजाति के रोगों पर किए जा रहे शोध की जानकारी दी गई। इनमें डॉ. डी. मोंडल, डॉ. निरंजन साहू, डॉ. एच.ए. उपेन्द्र, डॉ. एम.जी. जयंथनगराज, डॉ. कीर्ति दुआ और डॉ. जे.एस. सूदन ने प्रमुख उद्बोधन प्रस्तुत किए। पशुओं में रोग निदान की आधुनिक और उन्नत तकनीकों के सत्र में डॉ. सी.एन. गलधर, डॉ. जी. विजयकुमार, डॉ. एम. नारायण भट्ट और डॉ. एस.के मैईटी ने लीड पोपर प्रस्तुत किए। वैकल्पिक और विधिक चिकित्सा मेडिसिन के विषेष तकनीकी सत्र में डॉ. अषोक कुमार, डॉ. एन. पुनियामूर्थि, डॉ. शिवी मैनी, डॉ. एफ.सी. टूटेजा और डॉ. षिवांग स्वामी नारायण ने अपने प्रमुख शोध पत्रों को प्रस्तुत किया। दसवें सत्र में इन्टास यंग साईंटिस्ट अवार्ड के लिए युवा शोधार्थियों ने अपने प्रतिवेदन प्रस्तुत किए।