बीकानेर। बीकानेर में सोमवार को रवीन्द्र रंगमंच में राजिविका के स्वयं सहायता समूहों के संवाद कार्यक्रम में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चंद्र मीणा द्वारा कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल को तल्ख लहजे में भरे कार्यक्रम से बाहर निकलने को कहने के मामले को लेकर बीकानेर के हर वर्ग में आक्रोश देखने को मिल रहा है।
आज यूआईटी के कर्मचारियों ने मंगलवार को मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया व काली पट्टी बांधकर पैनडाउन हड़ताल की है। साथ ही मंत्री द्वारा माफी मांगने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम का ज्ञापन अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को सौंपा गया है। इसी तरह राजस्थान राज्य मंत्रायलिक कर्मचारी संघ के नेतृत्व में पीएचडी विभाग के कर्मचारियों ने अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर घटना की निंदा करते हुए मंत्री द्वारा माफी मांगने की मांग की।
राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद ने संभागीय आयुक्त को ज्ञापन दिया। इसी तरह राजस्थान राजस्व लेखा संवर्ग की जिला इकाई ने भी संभागीय आयुक्त के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजकर मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। भाजपा नेताओं ने भी कलक्ट्रेट के समक्ष जमकर विरोध प्रदर्शन किया तथा मंत्री से माफी मांगने की मांग की। किसान यूनियन के महेन्द्र प्रताप भाखर ने संभागीय आयुक्त के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा है।
कांग्रेस समर्थित पार्षद ने की निंदा
नगर निगम में कांग्रेस समर्थित पार्षद मनोज विश्नोई ने मंत्री द्वारा जिला कलक्टर के साथ किये गये दुव्र्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री का यह बर्ताव अशोभनीय है। स्वस्थ लोकतंत्र में ऐसी घटनाएं ठीक नहीं। मंत्री को कलक्टर से माफी मा ंगनी चाहिए।
यूआईटी कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध जताया रोष
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल से अमर्यादित व्यवहार को लेकर न्यास कार्यालय में यूआईटी कर्मचारियों ने जताया विरोध। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल के साथ पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा के अमर्यादित व्यवहार को लेकर कार्मिकों के साथ अब आमजन व राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भी नाराजगी जताई है। नगर विकास न्यास कर्मचारी संघ ने भी इस प्रकरण पर रोष जताया। विरोध स्वरूप कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर कार्य बहिष्कार किया और पैन डाउन हड़ताल शुरू की। संघ के अध्यक्ष अश्विनी आचार्य व वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने कहा कि मंत्री रमेश मीना द्वारा किये गये अशोभनीय व्यवहार एवं शालीनता की सीमा से परे कृत्य की जितनी निंदा की जाएं कम है। इसको लेकर कर्मचार वर्ग में रोष है। उन्होंने कहा ििजला मजिस्ट्रेट के साथ सत्ता के अहंकार में डूबे मंत्री रमेश मीणा को इस प्रकार के बेरुखे दुर्व्यवहार का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में कांग्रेस के मंत्रीगण, नेता और कार्यकर्ता अमूमन अधिकारियों पर राजनैतिक दबाव डालकर अनुचित कार्यो को करवाने का प्रयास करते रहे हैं। इस प्रक्रिया में अनेकों बार सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को नेताओं की बदतमीजी का शिकार होना पड़ता है। आचार्य ने कहा कि वर्तमान सरकार में जनकार्यो से जुड़े सभी कार्यालयों में अधिकारी दबाव में कार्य कर रहे हैं। कर्मचारियों ने बैठक कर मंत्री द्वारा माफी मांगने की गुहार मुख्यमंत्री से लगाई है। वरना आन्दोलन की चेतावनी भी दी है।
कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों ने निकाला जूलुस
ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीना द्वारा जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल को सार्वजनिक रूप से कार्यक्रम से बाहर निकालने की घटना का विरोध अब मुखर होने लगा है। इसके विरोध में कर्मचारियों के अलावा अधिकारी भी खुलकर सामने आने लगे है। मंत्रालयिक कर्मचारियो,नगर विकास न्यास के कर्मचारियों सहित रसद विभाग व उपखंड कार्यालय के कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप रैली निकालकर रोष जताया और चेतावनी दी है कि अगर मंत्री जिला कलक्टर से माफीनामा नहीं मांगते तो बुधवार से सभी संवर्ग के कर्मचारी पैन डाउन हड़ताल रखेंगे। यूनियन के अध्यक्ष अशोक सिंह की अगुवाई ने कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर का चक्कर लगातेे हुए मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मंत्री के अमर्यादित व्यवहार को पर कड़ा ऐतराज जताया।
सक्रिय ब्युरोकेसी पर निम्न स्तर की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेगा उद्योग जगत :- पचीसिया
बीकानेर जिला उद्योग संघ के प्रतिनिधिमंडल ने संभागीय आयुक्त नीरज के पवन से मुलाक़ात कर पंचायती राज मंत्री द्वारा जिला कलक्टर के साथ किये गये अभद्र व्यवहार की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम का विरोध पत्र सौंपा | अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया कि पंचायती राज मंत्री रमेश चंद्र मीणा द्वारा सार्वजनिक मंच से जिला कलक्टर महोदय श्री भगवती प्रसाद कलाल के प्रति अशोभनीय व्यवहार एवं निम्न स्तर की टिप्पणी की गई | शालीनता की सभी सीमाओं को तोड़ते हुए जिले के मुखिया को कार्यक्रम से बाहर जाने तक का कहा गया | जबकि यहाँ यह भी उल्लेखित है कि जिला कलक्टर के उस समय जरूरी कॉल आई हुई थी जिसके कारण कलक्टर द्वारा मोबाइल का प्रयोग किया गया था | जिस पर भी मंत्री द्वारा आवेशित होकर पूरे ब्युरोकेसी सिस्टम पर टिप्पणी भी की गई | जबकि वर्तमान में बीकानेर में पदस्थापित ब्युरोकेसी जो कि पूरे जिले के विकास एवं सौन्दर्यकरण हेतु लामबंद है और जिला कलक्टर द्वारा नवाचार करते हुए डिजिटल शिक्षा के तहत पूरे जिले के सरकारी स्कूलों में टीवी का वितरण किया गया, बीकानेर के औद्योगिक विकास हेतु अनेक योजनाओं के माध्यम से नवाचार किये जा रहे हैं जिसके लिए जिला कलक्टर के नवाचारों की पूरे देशभर में प्रशंसा की जा रही है और ऐसी अफसरशाही पर मंत्री द्वारा ब्युरोकेसी पर उंगली उठाना अफसरशाही को हतोत्साहित करने वाला कृत्य है जिसको बीकानेर के उद्योगपति एवं व्यापारी वर्ग द्वारा बिलकुल सहन नहीं किया जाएगा | बीकानेर जिला उद्योग संघ मंत्री द्वारा जिले के विकास को समर्पित जिला कलक्टर पर सार्वजनिक रूप से की गई ऐसी टिप्पणी की निंदा करता है और मंत्री से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग करता है अन्यथा बीकानेर जिला उद्योग संघ इस कृत्य के लिए आन्दोलन की राह चुनने को मजबूर हो जाएगा | इस अवसर पर सचिव वीरेंद्र किराडू, उपाध्यक्ष नरेश मित्तल, शिवरतन पुरोहित, डॉ. प्रकाश ओझा, महावीर दफ्तरी, विपिन मुसरफ, आर के जाजडा आदि उपस्थित हुए |