बीकानेर, एकता कपूर के सीरियल नागिन के स्टार कलाकार अनुराग व्यास जल्द ही एक म्यूजिक वीडियो में नजर आएंगे। न सिर्फ म्युजिक वीडियो बल्कि एक बड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा भी बनने जा रहे हैं। बीकानेर में अपने परिवार के साथ दीपावली मनाने आए । उन्होंने कहा कि वो अब पॉजिटिव रोल ज्यादा से ज्यादा करना चाहता है। नागिन के बाद आशिकाना सीरियल में लीड रोल कर रहे अनुराग अब बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में उनकी भूमिका अहम होगी लेकिन क्या होगी? इस बारे में उन्होंने फिलहाल जानकारी देने से इनकार कर दिया। अनुराग बताते हैं कि आशिकाना, नागिन, रक्षा बंधन जैसे सीरियल ने उन्हें पहचान दी है। अच्छा लगता है जब बड़े डायरेक्टर और प्रोड्यूसर उनको बाइ फेस और बाइ नेम याद करते हैं।
पंद्रह किलो का नकली पैर
अनुराग बताते हैं कि आशिकाना में उनका रोल एक पोलियो पीडित यूथ का था। पोलिया पीड़ित जैसा दिखने के लिए एक स्पेशल पैर बनवाया गया। जिसका भार करीब पंद्रह किलो था। इस पैर के साथ ही उसे चलना पड़ता था। घंटों तक शूटिंग चलती और उस नकली पैर का भार ढ़ोना पड़ता था। एक कलाकार को ऑरिजनल दिखाने के लिए ये सब करना ही पड़ता है।
पोलियो पीड़ितों के बीच रहा
अनुराग को पोलियो रोगी दिखने के लिए कुछ दिन ऐसे लोगों के बीच रहना पड़ा। उनके साथ चलना, उठना, बैठना सब करते थे। चलते वक्त उनके चेहरे पर आने वाले इमोशन और रिएक्शन पर रिसर्च वर्क किया। इसके बाद ही इस रोल को सही तरीके से कर पाया।
कीचड़ से सने मैदान में
अनुराग विघ्नहर्ता गणेशा सीरियल को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं। वो बताते हैं कि तब कीचड़ से सने मैदान में ही पंद्रह दिन तक रैंगते हुए शूटिंग करनी पड़ी। पूरा शरीर मिट्टी से बने कीचड़ में रखना बहुत मुश्किल था, लेकिन खुद को साबित करने के लिए ये सब कुछ करना पड़ा। आगे भी ऐसे चैलेंज मिले तो अनुराग उसे सहर्ष स्वीकार करेगा।
नेगेटिव से पॉजिटिव रोल की इच्छा
कुछ नया करने के सवाल पर अनुराग कहते हैं, अब तक कुछ नेगेटिव रोल किए हैं लेकिन चाहता हूं कि पॉजिटिव रोल करुं। वैसे नेगेटिव रोल पॉजिटिव से ज्यादा मुश्किल होता है क्योंकि उसमें दर्शक के मन में खुद के प्रति एक नेगेटिविटी बनाना चैलेंज है।
ऐसे किया संघर्ष
अनुराग ने बीकानेर के रंगमंच पर कई नाटक किए। यहां अनुराग कला केंद्र से भी जुड़े रहे। अपने साथी हिमांशु व्यास के साथ कई एडवरटाइज बनाए भी और डायरेक्शन भी किया। इसी दौरान मुंबई जाकर किस्मत आजमाने का मन हुआ। मुंबई में अपने रिश्तेदार के घर कुछ दिन रहे, फिर स्ट्रगल कर रहे अपने साथियों के साथ जाकर रहे। इस दौरान पहले ही ऑडिशन में सेकंड और थर्ड राउंड तक सिलेक्शन हो गया। यहां अनुराग का आत्मविश्वास जाग गया कि उसमें एक्टर बनने का मटेरियल है।
बीकानेर के लाडले हैं अनुराग व्यास
अब तक एक दर्जन से ज्यादा टीवी सीरियल में काम कर चुके अनुराग व्यास बीकानेर के छबीली घाटी एरिया में रहते हैं। यहां दीपावली पर उन्होंने अपनी मां और भाई के साथ मौज मस्ती की। अपनी मां से बेहद प्यार करने वाले अनुराग का मानना है कि मां के पैरों में ही जन्नत है। अनुराग मूल रूप से रंगमंच के कलाकार हैं। वो बीकानेर के रंगमंच कलाकारों के साथ रहे हैं और कई बार इन आयोजनों का हिस्सा भी रहे।
इन सीरियल में लीड रोल में अनुराग
एकता कपूर निर्देशित नागिन 5, गुल खान निर्देशित आशिकाना के अलावा विघ्नहर्ता गणेशा, रक्षा बंधन, दिल ये जिद्दी है, भाखरवाड़ी और आपके आ जाने से।
आठ साल की उम्र में खो दिया पिता को
बीकानेर से रामदेवरा के बीच एक सड़क हादसे में अनुराग व्यास के पिता का निधन हो गया। तब वो महज आठ साल के थे। इसी हादसे में पिता के अलावा दादा और एक रिश्तेदार की मौत भी हो गई थी। इसके बाद मां ने ही अनुराग और उसके भाई को माता-पिता की तरह पालकर बड़ा किया।