बीकानेर, प्रदेशभर में सोमवार से शुरू हुए राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक में बीकानेर के कई गांवों में खेल कम और विरोध ज्यादा हो रहा है। दरअसल, सरपंच व ग्राम विकास अधिकारियों के बहिष्कार का असर भी इन गेम्स पर नजर आ रहा है। वहीं शिक्षा विभाग की भारी लापरवाही भी चौड़े आ रही है।

बामनवाली में पीटीआई का विरोध

लूणकरनसर की बामनवाली ग्राम पंचायत पर गेम्स शुरू होने के साथ ही स्टूडेंट्स ने स्कूल की फिजिकल टीचर पर अभ्यास नहीं करवाने का आरोप लगा दिया। फिजिकल टीचर को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रर्दशन किया गया। विधार्थियों ने जमकर नारेबाजी की। सरपंच उमाशंकर सोनी के नेतृत्व में ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल उपखंड अधिकारी व सीबीईओ लूणकरणसर से मिलकर पीटीआई को हटाने की मांग रखी। ग्रामीणों ने प्रतियोगिता का बहिष्कार करने व विद्यालय के तालाबंदी की चेतावनी भी दी है।

बहिष्कार का असर

राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलकूद प्रतियोगिता पर सरपंच व ग्राम विकास अधिकारियों के बहिष्कार का असर साफ दिखाई दिया। सोमवार से पंचायत स्तरीय प्रतियोगिता का आगाज हो गया और खिलाड़ियों में भी प्रतियोगिता को लेकर उत्साह देखा गया लेकिन आयोजक गंभीर नजर नहीं आएं। उपखंड मुख्यालय सहित पंचायत मुख्यालयों पर क्षेत्र के अधिकांश खेल मैदानों पर छाया,पानी की व्यवस्था तक नहीं थी। वहीं अनेक जगह मैदान उबड़-खाबड़ ही पड़े हैं। इन्हें ठीक नहीं करवाया गया।

कुजटी में हॉकी के मैदान जितना परिसर नहीं

कुजटी ग्राम पंचायत के सीनियर सेकेंडरी स्कूल परिसर में 31 अगस्त को हॉकी के मैच आयोजित करना प्रस्तावित कर रखा है जबकि सच्चाई यह कि स्कूल परिसर में हॉकी मैदान होना तो दूर की बात मैदान जितना परिसर नहीं है। दरअसल, प्रतियोगिता को लेकर आला अधिकारी ही गंभीर नजर नहीं आए।

खिलाड़ी को नहीं मिली टीम

लूणकरणसर में 29 को कबड्डी व खोखो के मैच खेले गये। कबड्डी में 401 खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन था और 150 से अधिक खिलाड़ी पहुंचे भी थे लेकिन टीम गठन गलत होने से केवल दो टीमों के खिलाड़ी ही पूर्ण होने के कारण एक ही मैच खेला गया। अन्य खिलाड़ी उपस्थित होने के बावजूद हिस्सा नहीं ले पाएं। इसी प्रकार खोखो में भी 361 खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था लेकिन टीम दो ही पूर्ण हो पाई जिससे खोखो में भी केवल एक ही मैच हो पाया।

खतरे में मैदान

लूणकरणसर उपखंड क्षेत्र स्कूल या गांवों में हॉकी मैदान तक नहीं है। ऐसी स्थिति में अधिकतर गांवों के उबड़-खाबड़ जोहड़ पायतन की ताल में ही हॉकी व टेनिस बाल क्रिकेट के मैच करवाएं जाएंगे जो खतरे से कम नहीं होगा। उबड़-खाबड़ होने से खिलाड़ी के चोटिल होने की संभावना बनी रहेगी।