बीकानेर। साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रियाश्रीजी व नित्योदयाश्रीजी के सान्निध्य में आठ दिवसीय तपस्या ’’अट््ठाई’’ करने वाली जैन पब्लिक स्कूल की 12 वर्शीय छात्रा सुश्री नित्या मुसरफ पुत्री संदीप मुसरफ की सोमवार को चैत्यवंदन परिपाटी के तहत शोभायात्रा निकली। रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में अभिनंदन किया गया। आठ दिन तक बिना किसी आहार के सीमित उबला जल ग्रहण करने वाली तपस्वी की अनुमोदना में अनेक श्रावक-श्राविकाओं व बालिका के परिजनों ने उपवास आदि तपस्याएं की तथा अनेक संकल्प लिए। बेगानी चौक स्थित धर्मनिश्ठ श्रावक स्वर्गीय बाबूलाल, गेवरचंद मुसरफ निवास पर रविवार को भक्ति का कार्यक्रम हुआ। तपस्वी की चैत्यवंदन की शोभायात्रा बेगानियों के चौक से रवाना होकर चिंतामणि जैन मंदिर से आगे से होते हुए नाहटा चौक के भगवान आदिश्वरजी मंदिर होते हुए रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे पहुंची। उपासरा ट्रस्ट, चातुर्मास व्यवस्था समिति व श्रीसंघ की ओर से तपस्वी सुधा भंसाली ने श्रीफल, माला आदि से अभिनंदन किया गया। विचक्षण महिला मंडल की मूलबाई दुग्गड़ के नेतृत्व में श्राविकाओं ने तपस्या का अनुमोदना गीत प्रस्तुत किया। गाजे बाजे से निकली शोभायात्रा में तपस्वी रथ पर सवार थीं, उसके साथ चल रहे परिजन व श्रावक-श्राविकाएं देव, गुरु व धर्म तथा तपस्वी के जयकारे लगा रहे थे। आशा, आसक्ति व अपेक्षा की त्रिपुटी से बचे-साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी ने कहा कि आशा, आसक्ति व अपेक्षा की त्रिपुटी से बचे तथा अनासक्त भाव से देव, गुरु व धर्म से जुड़कर अश्टकर्मों से मुक्त बनें। साध्वीश्री नित्योदयाश्री ने ज्ञाता धर्म सूत्र के माध्यम से कहा कि सुदेव,सुगुरु व सुधर्म को अपना कर रत्नत्रयी ज्ञान, दर्शन व चारित्र की साधना करें।
भक्ति संगीत संध्या में श्रोता भाव विभोर
सुगनजी महाराज के उपासरे मेंं रविवार रात को दादा गुरुदेव की भक्ति संगीत संध्या में चैन्नई के सुप्रसिद्ध गायक श्रेणिक भाई नाहर ने शास्त्रीय रागों व राजस्थानी, पंजाबी तर्जों पर आधारिक ’दादा गुरुदेव के इकतीसा’’ को सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। श्रोताओं ने जयकारों के साथ दादा गुरुदेव की वंदना की तथा कलाकार का हौसला बढ़ाया। श्रीसुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व चातुर्मास व्यवस्था समिति की ओर से कलाकारों का अभिनंदन किया गया ।