
बीकानेर. बीकानेर में पकड़े गए जाली नोट छापने वाले गिरोह के अब तक 43 कारिंदे सामने आए हैं। पकड़े गए आरोपी रविकांत जाखड़, नरेन्द्र शर्मा, मालचंद शर्मा, पूनमचंद शर्मा, राकेश शर्मा, दीपक आदि से पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इन लोगों ने नकली नोट छापने के लिए ऑनलाइन एक सॉफ्टवेयर से ट्रेनिंग ली। मुख्य सरगना चम्पालाल उर्फ नवीन ने यह सॉफ्टवेयर कहां से खरीदा इसकी पुलिस पूछताछ चल रही है। नवीन ने अन्य लोगों को बीकानेर की बाहरी कॉलोनी वृंदावन एन्क्लेव में बने एक मकान में साथियों को ट्रेनिंग दी। अब सवाल उठता है कि जब इतनी हाइटेक तरीके से जाली नोट का प्रचलन बाजार में किया जा रहा तो आखिर आमजन कैसे असली-नकली नोट की पहचान करे। आइए हम बताते हैं कुछ शुरुआती लक्षण। हालांकि बतातें चलें कि नकली नोट के धंधे में उतरने वाले शातिराना दिमाग धीरे-धीरे हमारे सेफ्टी फीचर्स भी चुरा रहे हैं, इसलिए आपको बेहद बारीक निगाह रखनी होगी।
यह रखें ध्यान
200, 500 और 2000 रुपये के नोट पर यह मूल्य एक रंग बदलने वाली स्याही से लिखा होता है. जब नोट को समतल रखा जाता है तो इन अंकों का रंग हरा दिखाई देता है, लेकिन जब इन्हें थोड़ा घुमाया जाए तो यह नीले रंग में बदल जाता है। नोट को किसी लाइट के सामने रखने पर यहां 500 लिखा हुआ दिखता है। आंख के सामने 45 डिग्री के एंगल पर नोट रखेंगे तो यहां 500 लिखा दिखेगा। यहां पर देवनागरी में 500 लिखा होता है।
कैसे करें तुलना
पुराने नोट से तुलना करें तो महात्मा गांधी की तस्वीर का ओरिएंटेशन और पोजिशन थोड़ा अलग है। नोट को हल्का मोड़ेंगे तो सिक्योरिटी थ्रीड का कलर हरा से नीला हो जाता है। पुराने नोट की तुलना में गवर्नर के सिग्नेचर, गारंटी क्लॉज, प्रॉमिस क्लॉज और RBI का लोगो दाहिनी तरफ शिफ्ट हो गया है। यहां महात्मा गांधी की तस्वीर है और इलेक्ट्रोटाइप वाटरमार्क भी है।