ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी थीं दो सहेलियां, सिर रौंदता हुआ निकल गया ट्रेलर

जयपुर। रात के समय राजधानी में यातायात के नियमों का पालन करना जानलेवा साबित हो सकता है। रात के समय न तो रेड लाइट होती है और अगर होती भी है तो उसकी कोई पालना नहीं करता। रेड लाइट की पालना करने वाले को मौत अपने आगोश में ले सकती है। 18 साल की श्रेया जैन के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। रविवार रात करीब ग्यारह बजे मानसरोवर मंे वह अपनी सहेली के साथ स्कूटर से अपने रुम पर लौट रही थी। रेड लाइट पर स्कूटी धीमी की ही थी कि अचानक पास से तेजी से दस चक्का ट्रोला गुजरा। ट्रोले से स्कूटी का हैंडिल टच हुआ और दोनो सहेलियां नीचे आ गिरी। स्कूटी चला रही सहेली तो बच गई लेकिन पीछे बैठी श्रेया के सिर से ट्रोला गुजर गया। मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया।

दोनो ने हैलमेट भी पहना था, नियमों का पालन भी कर रहीं थी, फिर भी….

मौके पर सबसे पहले पहुंची मानसरोवर पुलिस के अनुसार श्रेया जैन और उसकी सहेली रिषिता को टक्कर मारने वाले ट्रोला चालक को स्थानीय लोगों ने दबोच लिया और बाद में पुलिस के हवाले किया। पुलिस ने बताया कि दोनो युवतियों ने हैलमेट भी पहना था। रेड लाइट पर रुकने के दौरान अचानक ट्रोला चालक वहां तेजी से आया। उसने ट्रोला निकालने की जल्दबाजी में ट्रोले के टायर से स्कूटी को टक्कर मार दी।

स्कूटी चला रही रिषिता दूसरी ओर गिरी जबकी पीछे बैठी श्रेया ट्रोले की ओर जा गिरी। ट्रोले के पिछले टायरों से कुचलने जाने के कारण मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि हैलमेट होने के बाद भी सिर सड़क से चिपक गया। जैसे तैसे शव को सड़क से उठाया गया और बाद में एसएमएस के मुर्दाघर में रखवाया गया।

दोनो सहेलियां नियमों का पालन भी कर रहीं थी उसके बाद भी दर्दनाक मौत हो गई। श्रेया के पिता प्राइवेट जॉब में हैं। उन्हें जब इस बारे में जानकारी मिली तो वे रातों रात ही जयपुर आ पहुंचे। 18 साल की बेटी की मौत के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उधर रिषिता के हाथ में चोटें आई हैं। उसकी हड्डी कई जगहों से टूट गई है।

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