भरतपुर। पोक्सो संख्या-2 के विशिष्ट न्यायाधीश गजेन्द्रपाल मोघा ने नाबालिग के अपहरण व बलात्कार मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और जुर्माना की सजा से दण्डित किया है। आरोपी 8वीं कक्षा में अध्ययनरत बालिका को गांव का ही एक युवक बहला-फुसला कर ले गया था। बालिका का सुराग नहीं लगा जिस पर पिता ने करीब तीन माह बाद रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने बाद में आरोपी को गिरफ्तार कर बालिका को दस्तयाब कर लिया था। विशिष्ट लोक अभियोजक महाराज सिंह ने बताया कि जिले के एक थाना इलाके से गत 10 अप्रेल 2017 को एक 8वीं कक्षा की छात्रा स्कूल पढ़ने गई थी। जो शाम तक नहीं लौटी तो परिजनों को एक युवक पर शक हुआ जिस पर उसे तलाश किया लेकिन नहीं मिला। जिस पर परिजनों ने उसके भाई से बताया, उसने दो-तीन दिन में नाबालिग को घर भिजवाने का भरोसा दिया। लेकिन इसके बाद भी बालिका नहीं पहुंची तो फिर से आरोपी के भाई को बताया। जब नाबालिग का पता नहीं चला तो परिजनों ने आरोपी की रिश्तेदारी और यूपी में तलाश किया लेकिन पर कोई सुराग नहीं लगा। जिस पर नाबालिग के पिता ने 10 जुलाई 2017 को पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने जांच करते हुए बालिका को बाद में दस्तयाब कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी युवक को भादसं. की धारा 363 में 5 साल व 5 हजार रुपए जुर्माना, 366 में 7 साल सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना एवं पोस्को एक्ट की धारा 5/6 के तहत आजीवन कारावास और 30 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया। कोर्ट ने मामले में पीडि़ता को प्रतिकार राशि दिलाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र प्रेषित करने के भी निर्देश दिए।