जयपुर। अमेरिका, यूके, जर्मनी, रूस, चीन समेत तमाम बड़े यूरोपियन और एशियाई देशों में कोरोना के बढ़ते केसों ने टेंशन बढ़ा दी है। ये वे देश है जहां अधिकतर लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। वैक्सीनेशन के बावजूद कोरोना संक्रमित केस आना भारत समेत अन्य एशियाई देशों के लिए खतरे का अलर्ट है। विभिन्न देशों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की जनता को एक बार फिर अलर्ट किया है। गहलोत ने आज फिर सोशल मीडिया पर कोरोना के देश में बढ़ते केस और त्योहारी सीजन में आमजन की लापरवाही पर चिंता जताई है।
गहलोत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मैसेज लिखते हुए कहा कि मैं पुन: सचेत करना चाहूंगा कि दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में भी कोरोना के मामले पहले की तुलना में बढ़े हैं। त्योहारों के इस खुशियों भरे माहौल में कोविड प्रोटोकॉल की पालना करना न भूलें। मास्क लगाएं एवं सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। वैक्सीन की दोनों डोज अवश्य लगवाएं।
केंद्र से नए स्ट्रेन के लिए SOP बनाने की मांग कर चुके गहलोत
करीब एक सप्ताह पहले भी गहलोत कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर चिंता जताई थी। तब गहलोत ने कोविड वायरस के नए डेल्टा प्लस AY.4.2 के मामले में केन्द्र सरकार से मांग रखी है कि वक्त रहते दूसरे देशों के अनुभवों के आधार पर इसकी रोकथाम के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि त्योहारी माहौल में कोविड प्रोटोकॉल की पालना नहीं हुई तो यह वायरस बहुत तेजी से भारत में भी फैल सकता है। आपको बता दें कि वर्तमान में इसी नए स्ट्रेन के कारण अमेरिका, यूरोप, रूस, चीन में कोरोना की तीसरी लहर आई है।
तेजी से फैलने वाला है यह स्ट्रेन
हाल ही में नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल ने जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के इंदौर में इस नए वैरिएंट के 7 केसों का खुलासा किया है। महाराष्ट्र में भी 1 फीसदी सेम्पल्स में नए डेल्टा प्लस वैरिएंट का पता चला है। वैज्ञानिकों ने भी ऐसे संकेत दिए हैं कि कोविड का नया स्ट्रेन पिछले डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ज्यादा घातक हो सकता है। इससे पहले भारत में जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी, तब डेल्टा वैरिएंट ने जबरदस्त तबाही मचाई थी। हजारों लोगों की जान चली गई थी और लाखों लोग इसकी चपेट में आ गए थे।
हर रोज आ रहे हैं 13 से 14 हजार केस
देशभर में इन दिनों कोरोना के हर रोज औसतन 13 से 14 हजार केस आ रहे है। हालांकि इसमें 50 फीसदी से ज्यादा केस केरल में आ रहे हैं। केरल में हर रोज औसतन 7 से 8 हजार नए मरीज मिल रहे हैं। वहीं हर रोज इस बीमारी ये यहां 300 से 350 लोगों की जान जा रही है। तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल और महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं, जहां 500 से 1000 केस प्रतिदिन मिल रहे हैं। राजस्थान के इस मामले में अभी काफी अच्छी स्थिति में है। यहां हर रोज औसतन 3 या 4 केस ही मिल रहे हैं।
राजस्थान में बढ़ेगा मूवमेंट
राजस्थान में अगले 2 दिन में देश के दूसरे राज्यों और विदेशों से दीपावली पर अपने घर लौटने वालों का मूवमेंट तेजी से बढ़ेगा। दक्षिण भारत के राज्यों से बड़ी संख्या में काम-काज करने प्रवासी राजस्थानियों का प्रदेश में आना शुरू हो गया है। दूसरी लहर का जब पिछली बार होली के बाद आगाज हुआ था तब इसमें दूसरे राज्यों से आए लोगों की अहम भूमिका रही थी।