थे मज़ा करो महाराज, थारी पांचों घी में है, राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का पार्टी से मोह हुआ भंग

नेता अपने परिवार के लोगों को ही नवाज़ने में मशगूल !
(एडवोकेट मोहब्बत अली तंवर) बीकानेर। पिछले दिनों सरकार ने बीकानेर जिला सतर्कता समिति के सदस्यों की सूची जारी की थी। जिसमें पूगल से विधायक गोविन्द चौहान के पुत्र गौरव चौहान , डूंगरगढ़ से पूर्व विधायक मंगलाराम की पुत्र वधु सावित्री देवी , बीकानेर से मंत्री डॉ. बी डी कल्ला के मौसेरे भाई गौरी शंकर व्यास को सदस्य बनाया गया है।
डूंगरगढ़ की प्रधान मंगलाराम की पुत्र वधु , पूगल का प्रधान विधायक गोविन्दराम के पुत्र गौरव चौहान , जिला परिषद के सदस्य गोविन्द की पुत्री और पत्नी, सेवादल के उपाध्यक्ष कल्ला साहब के भतीजे कमल कल्ला , मेडिकल कमेटी के सदस्य कल्ला साहब के भतीजे त्रिलोकी कल्ला, शहर कांग्रेस के अध्यक्ष के दावेदार भी कल्ला साहब के भतीजे अनिल कल्ला।
बीकानेर जिले की जनता और ट्रक वाले पिछले तीन महीनों से बजरी की रॉयल्टी की लूट से परेशान हैं । सात सौ रुपए की जगह सात हजार रूपए की जबरन वसूली की जा रही है, चर्चा है कि बजरी रॉयल्टी का ठेका कांग्रेस के दो बड़े नेता ने ले रखा है, इसलिए राजस्थान के गांधी अशोक गहलोत सरकार में कोई सुनवाई नहीं, कोई इंशाफ नहीं ? सरकार चलानी है , मुख्यमंत्री की कुर्सी को कोई खतरा ना हो, न्याय और अन्याय भाषण में और किताबों में ही अच्छा लगता है।
ज़मीन से जुड़े कांग्रेस वर्कर राजनैतिक नियुक्तियों की बाट जोह रहे हैं, कोई कांग्रेस अध्यक्ष बनने के प्रयास में सालभर से जयपुर और दिल्ली के चक्कर लगा लगा कर थक गया है , अब इन लोगों को ख़ुद को ही चक्कर आने लग गए हैं।
बंगला देश को आजाद कराने के नाम पर राजनीति करने का प्रोग्राम बनाया गया, दो अक्टूबर की गांधी जयंती निकल गई, बीकानेर में यशपाल गहलोत और लक्ष्मण कड़वासरा को अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन किसको फुर्सत है आगे प्रोग्राम देने की ?
मदन गोपाल मेघवाल और वीरेंद्र बेनीवाल बेहद एक्टिव हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं को वक्त ही नहीं है इनके कामों को देखने को ?
कॉमरेड हनुमान चौधरी हर रोज पूछते हैं कि किसान आयोग का अध्यक्ष कब बनाया जाएगा ? वह भी इस दौड़ में शामिल है, जयपुर और दिल्ली के पचासों चक्कर लगा लिए, खूब पैसा भी लगा दिया आने जाने और घूमने में , दो साल से मुख्यमंत्री गहलोत साहब मिलने को वक्त ही नहीं दे रहे हैं ?
शहर के मुसलमान यू आई टी के चेयरमैन बनने का मुंह धो रहे हैं, उधर शहर के नामी सटोरिए भी यू आई टी के चेयरमैन बनने के लिए मोटा सौदा करने को तैयार हैं, भतीजों को कुर्ता टोपी चाहिए और भुआजी बिना कपड़े ही घूम रही है !
अब सब थक गए हैं ! कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का रूझान और चार्म ख़तम सा हो गया है। तीन साल निकल गए हैं , दो साल फिर ऐसे ही निकल जाने हैं , लेकिन विधायकों की तो चांदी है ! ऐसा राज तो कभी नहीं देखा ?
‘ थे मज़ा करो महाराज , थारी पांचों घी में है।’

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