जयपुर। राजधानी जयपुर समेत अन्य जगहों पर बीते दिन हुई झमाझम बारिश के बाद मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया है। फिजाओं में ठंडक घुलने के साथ ही तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम केंद्र जयपुर केंद्र के मुताबिक सबसे अधिक नौ सेंटीमीटर बारिश झुंझुनूं के उदयपुरवाटी में हुई। दोपहर बाद जयपुर में हुई तेज बारिश से चारदीवारी समेत जेएलएन मार्ग, सीकर रोड, जगतपुरा, मालवीयनगर सहित कई इलाकों में सड़कें पानी से लबालब हो गई, इससे यातायात भी डायवर्ट किया गया। बिजली गुल के बीच रात तक आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा।

अब आएगी कमी
मौसम विभाग के मुताबिक वर्तमान परिस्थिति के अनुसार उत्तर पश्चिमी भारत में निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों में पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी हवाएं स्थापित होने से पांच अक्टूबर के आसपास वायुमंडल के निचले स्तरों में एंटी साइक्लोनिक सकुर्लेशन की प्रबल संभावनाएं हैं। इसके प्रभाव से राज्य में नमी और बरसात की गतिविधियों में कमी आएगी। यानि नवरात्र की शुरुआत के बाद से बारिश न के बराबर होगी। रविवार को नागौर, अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद, चित्तौडगढ़, उदयपुर, प्रतापनगर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, पाली में बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।

प्रदेश के कुल बांधों की बात की जाए तो 727 बांधों में से 4.25 एमक्यूएम से अधिक क्षमता वाले 278 बांध में से 70 बांध रिक्त व 127 बांध आंशिक रूप से वहीं 70 बांध पूर्ण रूप से भरे हैं। वहीं 4.25 एमक्यूएम से कम भराव क्षमता वाले 449 बांध में से 166 बांध रिक्त, 155 बांध आंशिक रूप से भरे व 187 बांध पूर्ण रूप से भरे हुए हैं। श्रावण मास के बाद भाद्रपद मास और आश्विन मास में लगातार बांधों में पानी की आवक जारी है।

बीसलपुर बांध का जलस्तर 312.11 मीटर
जयपुर सहित अन्य जगहों की पेयजल आपूर्ति वाले बीसलपुर बांध में पानी की आवक जारी है। हालांकि दो दिनों में बारिश कम होने से बांध में पानी कम आया है। रविवार सुबह बांध का जलस्तर 312.11 आरएल मीटर दर्ज किया गया। वहीं त्रिवेणी का गेज 3.50 मीटर दर्ज किय गया। मानसूनी सीजन में कुल बांध में 12.28 टीएमसी पानी आया है। वहीं बांध में कुल अभी 18.18 टीएमसी पानी है।