बीकानेर नई दिल्ली: केरल के कोझिकोड में रविवार को एक 12 साल के लड़के की निपाह वायरस संक्रमण से मौत हो गई, इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है और लोगों से सावधानियां बरतने को कहा जा रहा है. इस बीच देश के सबसे बड़े अस्पताल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) के विशेषज्ञ ने लोगों को सलाह दी है कि वह बिना धोए गिरे हुए फल खाना खतरनाक हो सकता है. एम्स में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ आशुतोष बिस्वास ने कहा है कि निपाह वायरस जानवरों से मनुष्यों में आने के बाद और संक्रामक होता है. निपाह फायरस फ्रूट बैट से सबसे ज्यादा फैलता है. फ्रूट बैट अपनी लार फल पर ही छोड़ देते हैं. फिर ये फल खाने वाले जानवर या इंसान निपाह वायरस से संक्रमित हो जाते हैं. हमारे पास इस बीमारी का विशेष इलाज नहीं है. इसलिए, हमें यह समझना होगा कि यह एक बहुत ही गंभीर बीमारी है.डॉ आशुतोष बिस्वास ने आगे कहा, अतीत में हमने भारत में देखा है कि फ्रूट बैट निपाह को हमारे घरेलू जानवरों जैसे सूअर, बकरी, बिल्ली,घोड़े और अन्य में भी प्रसारित कर सकते हैं. इसलिए इस वायरस का जानवरों से मनुष्यों में जाना बहुत खतरनाक है. इसे हम स्पिलओवर कहते हैं.” डॉ आशुतोष बिस्वास ने कहा, ”एक बार जब यह वायरस मानव परिसंचरण में आ जाता है, तो यह मानव-से-मानव में संचारित होना शुरू हो जाता है और संचरण इतना तेज़ होता है कि यह फैल जाता है. इसलिए इसकी पहचान करना बहुत जरूरी है.उन्होंने कहा, गिरे हुए फलों को धोए बिना खाना बहुत खतरनाक है. अगर हम फल धोकर नहीं खाते तो इससे वायरस का जानवरों से इंसानों में पहुंचना शुरू हो जाता है.राज्य के कोझिकोड में 12 साल के बच्चे की निपाह वायरस से मौत हो गई. वायरल को फैलने से रोकने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बच्चे के घर के तीन किलोमीटर के दायरे को निरूद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. वहीं, इससे लगे इलाके भी कड़ी निगरानी में हैं. चार जिलों-कोझिकोड, पड़ोस के कन्नूर, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है.