बीकानेर में सोमवार को बिजली कंपनी के सीओओ शांतनु भट्‌टाचार्य के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद से सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्षदों के आंदोलन को जबर्दस्त सपोर्ट मिल रहा है। भाजपा नेता भी बिजली कंपनी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं तो कांग्रेस समर्थकों के साथ आम जनता भी अब बिजली कंपनी का विरोध करने के लिए सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गई है। उधर, बिजली कंपनी का दावा है कि तीन साल में ही BKESL कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है, क्योंकि बिजली चोरी बहुत होती है।

सोमवार को पवनपुरी स्थित बिजली कपंनी के ऑफिस के बाहर सीओओ शांतनु भट्‌टाचार्य का मुंह काला कर दिया गया। कांग्रेस पार्षदों पर इसके बाद मामला भी दर्ज हुआ। पार्षदों पर आरो है कि उन्होंने भट्‌टाचार्य के साथ पहले ऑफिस के बाहर और बाद में लिफ्ट के अंदर मारपीट की। तब से अब तक सोशल मीडिया पर इस आंदोलन को समर्थन मिल रहा है। अधिकांश पोस्ट में बिजली कंपनी पर जरूरत से ज्यादा बिल थोपने का आरोप लग रहा है। तेज गति से चलने वाले मीटर लगाने का आरोप लगाया जा रहा है। जिन घरों में पुराने मीटर लगे हुए थे, वहां अब नए मीटर लगा दिए गए हैं, जो तेज गति से चलते हैं। सोशल मीडिया में आरोप लगाए जा रहे हैं कि बिजली कंपनी ने चोरी करने वाले उपभोक्ताओं का घाटा पूरा करने के लिए आम आदमी के बिल में बढ़ोतरी कर दी। सबसे ज्यादा आक्रोश बिजली बिल को लेकर है तो चोरी रोकने के नाम पर कार्रवाई का भी अब विरोध हो रहा है।

इन दो मुद्दों से उठा विरोध का ज्वार

  • कांग्रेस पार्षद के पति मघाराम सुथार के निधन के मामले में पिछले दिनों एक रिपोर्ट सार्वजनिक की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया कि बिजली कंपनी की ओर से दी जा रही सप्लाई में कोई खामी नहीं है, बल्कि रिसोर्ट में लगी सप्लाई के कारण ही मघाराम की मौत हुई। वो पार्षद तो कांग्रेस की है लेकिन इस मुद्दे को मेयर सुशीला राजपुरोहित ने भी ऊर्जा मंत्री के सामने उठाया था।
  • कांग्रेस के विरोध का दूसरा कारण बिजली चोरी के एरिया सार्वजिनक करना भी रहा। ये भी बताया गया कि बिजली चोरी ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला के मोहल्ले में अधिक हो रही है। अन्य मोहल्लों का भी जिक्र किया गया। ऐसे में जो चोरी नहीं कर रहे हैं, उनको बदनाम करने का आरोप है।

कंपनी का तर्क

बिजली कंपनी के कम्युनिकेशन ऑफिसर अशोक शर्मा का कहना है कि पार्षद के पति की मौत के मामले में जयपुर से आए सहायक विद्युत इंस्पेक्टर ने पुलिस व जोधपुर डिस्कॉम के अधिकारियों की मौजूदगी में घटना स्थल का मुआयना और सर्विस केबल, मीटर की स्थिति व मीटर की एम आर आई कराई। उन्होंने अन्य कई जांचे की। इसके बाद सहायक बिजली इंस्पेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि हादसा बीकेईएसएल की सप्लाई से नहीं हुआ है। विद्युत निरीक्षण निदेशालय एक स्वतंत्र विभाग है। इसी के सहायक विद्युत निरीक्षक ने जयपुर से आकर जांच की और रिपोर्ट जारी की है। इनकी रिपोर्ट को ही अधिकृत माना जाता है। शर्मा का कहना है कि भारी मात्रा में बिजली चोरी हो रही है। इसका नुकसान कंपनी उठा रही है, ना कि उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा है।