बीकानेर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर जिला प्रशासन को जिम्मेदारियां सौंपी है वहीं बीकानेर में जिला प्रशासन के अधिकारी की दोहरी गाइडलाइन से असमंजश की स्थिति बनी है। इसी कारण राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की अनुपालना को लेकर अधिकारी और व्यापारी आमने सामने हो रहे है। राज्य सरकार ने गाइडलाइन में है कि प्रदेश की सभी किराना की दुकानें खुलेगी इनको किसी तरह से बंद नहीं किया जायेगा। शहर में कही दुकानों के शटर नीचे होने के बावजूद दुकानें चल रही है तो कही पुलिस दुकाने खोलने नहीं दे रही है। बीकानेर पुलिस ने कई जगहों पर जब सुबह किराना की दुकान फल, सब्जी की दुकान वाले दूकान खोलने आए तो मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनको दुकाने नहीं खोलने दी। हालाँकि शहर में कई जगहों पर फल,सब्जी की दुकाने खुली है पर कई जगहों पर पुलिस का कहना है कि आपको दुकाने नहीं खोलनी है जब दुकानदारों ने कहा कि गाइडलाइन में किराना की दुकाने खोल सकते हो लेकिन मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी की भी नहीं सुनी और व्यापारियों को मौके से भगा दिया। सदर थाना क्षेत्र में मौजूद दुकानों को भी सदर पुलिस ने नहीं खोलने दिया। जब इस बारे में सदर थानाधिकारी से बात हुई तो उन्होने कहा कि दुकान खोल सकता है लेकिन होम डिलेवरी कर सकता है और अगर दुकाने खुलती है तो भीड़ होगी और अभी सब का जीवन बचाना जरुरी है इसलिए व्यापारी भी इस बात का थोड़ा ध्यान रखे जरुरत हो तो दुकान खोले नहीं तो नहीं खोले। शहर के बड़ा बाजार, फड़बाजार, जस्सूसर गेट आदि इलाको में अभी भी दुकानों को खोलकर स्थिति साफ नहीं हुई है। व्यापारियों  कहना है कि पुलिस प्रशासन अपनी अलग से ही गाइडलाइन चला रहा है जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफ साफ कहा है कि किराना की दुकाने खुली रहेगी इसमें कही पर नहीं कहा कि दुकानदार होम डिलेवरी करेंगे या मौहल्ले की दुकाने खुलेगी ऐसा कही भी गाइडलाइन में नहीं है लेकिन बीकानेर पुलिस गाइडलाइन के ऊपर होकर कार्य कर रही है। स्थिति यह है कि सख्ती महज नाम की है जहां मौका मिला व्यापारी को रोक दिया जहां प्रशाशन नहीं पहुंचा वहां व्यापारी ने दूकान खोल ली। सुबह जब संवाददाता गोगागेट सर्किल से निकला तो देखने मिला की सर्किल पर एक तरफ काफी लोगो की भीड़ लगी है तो दूसरी तरफ पुलिसकर्मी कुर्सियों पर आराम से बैठे है। शहर में दूध की दूकान वाले नियमो को ताक पर रख दूकान का शटर नीचे रखते है पर दूध और दही बेचने से नहीं चूकते है।