राजस्थान के स्कूल्स में सिलेबस होगा कम

राजस्थान।के स्कूल्स में 30% सिलेबस कम करने की तैयारी शुरू हो गई है। संशोधित सिलेबस जारी करने में करीब एक महीने का वक्त लगेगा। बहरहाल, उदयपुर के स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SIERT) और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर को इसकी जिम्मेदारी दी गई है, जबकि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय इसकी निगरानी कर रहा है। शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा की सार्वजनिक घोषणा के बाद से ही इस पर काम शुरू कर दिया है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने दैनिक भास्कर को बताया कि सिलेबस कम करने के लिए काम शुरू हो गया है। करीब एक महीने का वक्त इसमें लगेगा। किस क्लास से कौन से चैप्टर कम होंगे, इसका निर्णय होना शेष है। इस काम में करीब एक महीने का वक्त लगेगा।

इस तरह कम होगा सिलेबस
पहली से आठवीं क्लास तक का सिलेबस SIERT उदयपुर करेगा जबकि नौंवी से बारहवीं तक का जिम्मा एक बार फिर बोर्ड को दिया गया है। SIERT पिछले साल की तरह इस साल भी सिलेबस में अपने स्तर पर कमी करके नया सिलेबस तैयार करेगा। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की एक टीम भी सिलेबस कम करेगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय सिलेबस कम करने का प्रस्ताव अपर मुख्य सचिव को भेजेगा और वही इस पर अंतिम मुहर लगाएंगे।

तब तक क्या पढायेंगे स्कूल?
शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों जो चैप्टर स्कूल्स को भेजे हैं, वो कम नहीं किए जाएंगे। इसके साथ ही पाठ्यक्रम के शुरुआती चैप्टर कम नहीं करने के मौखिक निर्देश दिए गए हैं। किसी पुस्तक के पाठ संख्या एक से पांच तक के चेप्टर कम करने के बजाय पीछे से चेप्टर कम किए जायेंगे। यह ध्यान रखा जा रहा है कि सामान्य तौर पर स्कूल में शुरुआती दिनों में जो चैप्टर पढ़ाए जाते हैं, उन्हें कम नहीं किया जाए। ऐसा ना हो कि एक महीने में जो पढ़ाया गया है, वो ही बाद में सिलेबस से हट जाए।

ऐसे में उन चैप्टर को कम किया जाएगा, जो आमतौर पर बाद में पढ़ाए जाते हैं। स्माइल कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूल में जो चैप्टर मिले हुए हैं, वो कम नहीं होंगे।

पिछले साल हुई थी गड़बड़ी
पिछले साल सिलेबस कम करते हुए ये ध्यान नहीं रखा गया कि स्कूल में क्या पढ़ाया गया होगा। बच्चों ने ऑनलाइन क्या क्या पढ़ लिया है? इतना ही नहीं कुछ ऐसे चैप्टर कम कर दिए गए, जिन्हें पढ़े बिना आगे के चेप्टर नहीं हो सकते थे। खासकर ग्यारहवीं व बारहवीं विज्ञान के स्टूडेंट्स को फिजिक्स में बिना सोचे समझे चेप्टर हटाने का नुकसान हुआ। इसी तरह अन्य क्लासेज में भी वो चैप्टर कम हो गए, जो ऑनलाइन पढ़ाए जा चुके थे। इस बार निदेशालय ने SIERT व बोर्ड को स्पष्ट कहा है कि सिलेबस कम करते हुए सावधानी बरतें।

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