जयपुर। प्रदेश में पांच महीने के अंतराल के बाद स्कूल खुलने जा रहे हैं। एक सितंबर से शुरू हो रहे स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के विद्यार्थियों को बुलाने की अनुमति दी गई है।
शिक्षा विभाग ने बुधवार को स्कूलों को खोले जाने और कोरोना प्रोटोकॉल की पालना को लेकर एसओपी जारी की है। विभाग ने 9वीं से 12वीं की कक्षाओं के संचालन का समय निर्धारित किया है। 9वीं और 11वीं की कक्षाएं सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 बजे तक लगेंगी। इसी प्रकार 10वीं और 12वीं की कक्षाएं सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक संचालित होंगी।
पढ़ाई बंद रहने और कोरोनाकाल में अवसाद में आए बच्चों के मानसिक विकास के लिए इस बार स्कूलों में योग कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। इसके अलावा स्कूल में बच्चों को आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। बच्चों को बुलाने से पहले अभिभावक की लिखित अनुमति जरूरी होगी। जो विद्यार्थी स्कूल नहीं आएंगे उनकी ऑनलाइन क्लास जारी रहेगी। वहीं, गैर सरकारी और सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग की टीमें गाइड लाइन पालना की जांच करेंगी।
पिछली बार ये खामियां रहीं
निजी स्कूलों में सख्ती करनी होगी। पिछली बार पाबंदी के बाद भी निजी स्कूलों ने पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को भी बुलवा लिया था। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए शिक्षा विभाग को मॉनिटरिंग करनी होगी। इसके अलावा स्कूलों के सेनेटाइज को लेकर परेशानी हुई थी। जिला प्रशासन से समन्वय रखना होगा।
अप्रेल में बंद किए थे स्कूल
कोरोना की पहली लहर के बाद बंद हुए स्कूलों को 18 जनवरी-2021 को खोला गया था। उस समय भी पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल शुरू किए गए थे। बाद में कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल खोल दिए गए। लेकिन दूसरी लहर के बाद अप्रेल में स्कूलों को बंद कर दिया गया था।
खुली कक्षाओं में होगी पढ़ाई
स्कूलों में बालवाहिनी के उपयोग से पहले वाहन को पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा। बालवाहिनी के चालक-परिचालक तथा अन्य कार्मिक को कम से कम 14 दिन पहले वैक्सीन की एक डोज भी लगी होना जरूरी होगा। वाहन में आवंटित सीट पर ही बच्चे को बैठाया जाए। शिक्षा विभाग ने सभी छात्रों को खुली कक्षाओं में बैठाने के निर्देश दिए हैं। जिन कक्षाओं में खिड़की होगी, उसी क्लास में बच्चे बैठ सकेंगे। सिंगल फर्नीचर नहीं होगा तो जमीन पर दरी-पट्टी बिछाकर सोशल डिस्टेंसिंग से बच्चों को बैठाया जाएगा।
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को रहेगी सूचना
स्कूल प्रशासन अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को स्कूल खुलने की सूचना देगा। इतना ही नहीं, जिला प्रशासन से समन्वय करना होगा। अगर स्कूल में कोई बच्चा बीमार होता है इसकी सूचना स्वास्थ्य केंद्र को देनी होगी।
स्कूल में इन नियमों की पालना जरूरी
– मिड-डे मील पर रोक
– प्रार्थना सभा नहीं होगी
– विद्यार्थी पेन, कॉपी व पेंसिल आदि का एक्सचेंज नहीं कर सकेंगे
– विद्यार्थी लंच, पानी और अन्य सामान शेयर नहीं कर सकेंगे
– अन्य विद्यार्थियों से शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे
– अपनी निर्धारित की गई सीट पर ही बैठेंगे
– विद्यालय परिसर में अनावश्यक नहीं घूम सकेंगे विद्यार्थी
– स्कूल के प्रवेश और निकास द्वार पर शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी
– खेलकूद गतिविधियों पर भी रहेगी रोक
– स्कूल में हाथ धोने के लिए पानी और साबुन की व्यवस्था होगी जरूरी
– छात्रों के बीच में दो गज की दूरी होगी जरूरी। एक ही टेबल पर अगर तीन स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था है तो वहां बीच की सीट खाली रहेगी
– विद्यार्थी, शिक्षक और अन्य कार्मिक सभी के लिए मास्क होगा जरूरी
– बीमार होने पर विद्यार्थी को स्कूल नहीं बुलाया जाए
– छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी के बार-बार बाहर या घर जाने पर भी रोक रहेगी। अनावश्यक यात्रा नहीं कर सकेंगे
– स्कूल परिसर को नियमित रूप से किया जाएगा सेनेटाइज। बार-बार छुए जाने वाले उपकरणों, क्लासरूम, दरवाजे के हैंडिल व नल का रोज सेनेटाइजेशन जरूरी।
– हर कक्षाकक्ष के बाहर डस्टबिन होगा जरूरी
– स्कूल में अतिरिक्त मास्क रखे जाएंगे, जिससे जरूरत होने पर विद्यार्थी को उपलब्ध करवाए जा सकें
– स्कूल में प्रेक्टिकल करते समय भी सामाजिक दूरी की पालना जरूरी
– स्कूल में एयरकंडीशन के उपयोग पर रोक
– अगर स्कूल में कोई विद्यार्थी, शिक्षक या कार्मिक बीमार मिलता है तो उसे आइसोलेट किया जाएगा