जयपुर। केंद्र सरकार ने आम बजट में पुराने वाहनों के लिए स्क्रैपिंग पॉलिसी लॉन्च करने की घोषणा की है। इसके तहत 20 साल पुराने निजी और 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों को चलन से बाहर किया जाएगा। इन वाहनों को खत्म करने के लिए ही योजना बनाई जाएगी। इससे एक ओर जहां इस काम से रोजगार मिलेगा, वहीं पुराने प्रदूषित वाहन सड़क से हट जाएंगे। इससे वायु प्रदूषण में राहत मिलेगी।
राजस्थान की बात करें तो 5.45 लाख वाहन इस योजना के दायरे में आएंगे। राज्य में 4.20 लाख निजी वाहन ऐसे हैं, जिन्हें 20 साल से अधिक समय हो गया है। वहीं 1.25 लाख कॉमर्शियल वाहन ऐसे हैं, जिन्हें 15 साल पूरे हो चुके हैं। इन वाहनों के सड़कों पर दौडऩे से राज्य में प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है। हालांकि इन वाहनों को स्क्रैप करने की क्या प्लानिंग होगी, योजना सामने आने के बाद ही पता चलेगा।
सबसे प्रदूषित शहरों में 5 राजस्थान के
विशेषज्ञों के अनुसार सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण पुराने वाहनों से होता है। राज्य में 70 फीसदी प्रदूषण वाहनों से हो रहा है। आलम यह है कि राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, अलवर, कोटा और जोधपुर देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। इन शहरों में प्रदूषण घटाने के लिए एनजीटी लगातार प्रयासरत है। ऐसे में पुराने वाहन चलन से बाहर होने पर प्रदूषण में राहत मिलेगी।
15 साल पुराने वाहन 31 मार्च तक कंडम
एनजीटी के आदेश के तहत राज्य के इन 5 शहरों में 31 मार्च तक ही 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों का संचालन वैध है। इसके बाद ये वाहन संचालित नहीं हो पाएंगे। इससे पहले 31 जनवरी तक ही इन्हें संचालित करने की छूट थी लेकिन कोरोना काल के कारण 3 महीने की छूट दी गई है।