झुंझुनूं में पांच दिन से लापता मजदूर के बेटे के मामले में शनिवार देर शाम ईंट पकाने के भट्टे के बीच अस्थियां बरामद की गई। जो लापता बच्चे की बताई जा रहीं हैं। इसे रविवार सुबह डीएनए जांच के लिए जयपुर भेजा गया। इससे पहले जांच के लिए माता-पिता के भी सैंपल लिए गए। गौरतलब है कि पांच दिन पहले 19 जनवरी को काली नाम का बच्चा लापता हो गया था।
परिवार ने बताया कि पहले सूरतगढ़ की मंडी में काम करते थे। वहां, काम छूठा तो 17 जनवरी को ही मंड्रेला के पास नंदरामपुरा में एक ईंट भट्टे पर आ गए। इसके बाद 19 जनवरी को बेटा लापता हो गया था। पुलिस के 150 से अधिक जवान पांच दिन से नंदरामपुरा के 25 किमी एरिया में बच्चे की तलाश कर रहे थे।
अस्थियां मिलने की जगह के पास ही था पिता
पूछताछ में मजदूरों ने बताया कि पांच दिन पहले भट्टे में कुछ गिरने की आवाज सुनी थी, लेकिन लगा कोई जानवर गिरा होगा। इसलिए अनदेखा कर दिया। पुलिस ने उसी जगह से ईंटें हटवाई तो वहां से बच्चे की अस्थियां मिली। जिन्हें देख काली का पिता श्रवण रोने लगा। बताया जा रहा है कि जिस दिन बच्चा लापता हुआ उस दिन उसका पिता इसी जगह की दूसरी साइड में काम कर रहा था।

हादसा ऐसे होने की संभावना
भट्टे पर ईंटों को पकाने के लिए थप्पों में रखा जाता है। इसमें नीचे आग होती है और ईंटों को जमा दिया जाता है। ऊपर बजरी या मिट्टी डाल दी जाती है। इसमें ईंटे कुछ दिन तक पकती हैं। बाहर से देखने पर पता नहीं चलता कि इसमें अंदर आग है। ऊपर बीच में जगह-जगह सुराख होते है। मजदूर का बेटा पहली बार ईंट भट्टे पर आया होगा। इस दौरान अनजाने में ईंटों के ढेर पर चढ़ने और फिर सुराख में फंस कर अंदर चले जाने की आशंका जताई जा रही है। जहां से अस्थियां बरामद की गईं।
जयपुर भेजे गए सैंपल
एसपी मनीष त्रिपाठी ने कहा कि मासूम को तलाशने के लिए हमने पूरे प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। जो अस्थियां मिली हैं। उन्हें अभी जयपुर भेजा गया है। जहां उनकी डीएनए जांच करवाई जाएगी।