जयपुर में स्ट्रेन की दस्तक, ब्रिटेन से लौटीं 18 वर्षीया युवती मिली पॉजिटिव

जयपुर,

प्रदेश की राजधानी जयपुर में कोरोना के नए स्ट्रेन ने दस्तक दे दी है। यहां शहर का पहला केस गुरुवार रात को तिलक नगर में आया। जहां 18 वर्षीया एक युवती में कोरोना के नए स्ट्रेन की पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आई है। पिछले दिनों यह युवती ब्रिटेन से जयपुर लौटी थी। इसके बाद यहां कोरोना जांच में युवती के पॉजिटिव मिलने पर उसके सैंपल दिल्ली स्थित लैब में भेजे गए थे।

इसकी रिपोर्ट गुरुवार को सामने आई। जिसमें युवती में नए कोरोना स्ट्रेन की पुष्टि हुई। इससे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए। जयपुर शहर (प्रथम) सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम वर्मा के निर्देशन में चिकित्सा विभाग की टीम युवती के तिलक नगर स्थित घर पहुंची। यहां उसे क्वारेंटाइन किया गया। मेडिकल टीम ने युवती के घर में मिले उसके माता पिता और भाई सहित घरेलू नौकर के भी एहतियात बरतते हुए कोरोना टेस्ट के सैंपल लिए। सभी को रिपोर्ट आने तक क्वारेंटाइन रहने के लिए पाबंद किया है।

इससे पहले श्रीगंगानगर में कोरोना का नया स्ट्रेन पाया गया था

गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही श्रीगंगानगर जिले में सादुलशहर के एक परिवार के 3 लोग 28 दिसंबर को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। वे 18 दिसंबर को ब्रिटेन से यहां लौटकर आए थे। नए स्ट्रेन की जांच के लिए इन तीनों के सैंपल पूणे भेजे गए थे। जिसके बाद 5 जनवरी को उन तीनों लोगों में कोरोना का यूके स्ट्रेन पाया गया है। ये पति-पत्नी और एक बच्चा है।

333 व्यक्तियों की आई थी सूची, दस्तावेज जांच में 131 ही निकले

आपको बता दें कि 23 और 24 दिसंबर को भारत आई फ्लाइट्स में आए पैसेंजरों की सूची केंद्र ने राजस्थान सरकार को सौंपी थी। इसमें शुरुआत में 333 पैसेंजर जयपुर के सामने आए थे। लेकिन बाद में दस्तावेजों की जांच की तो कई नाम डबल पाए गए। बाद में वास्तविक पैंसेंजर्स की संख्या 131 निकली। इनमें 108 यात्रियों की जांच कर ली गई थी। जिसमें कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई। लेकिन 23 व्यक्तियों की रिपोर्ट आना बाकी था। इनमें गुरुवार को जयपुर की युवती में कोरोना का नया स्ट्रेन होने की पुष्टि हुई।

14 दिन क्वारैंटाइन करने के निर्देश

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 23 व 24 दिसंबर को जो लोग ब्रिटेन से जयपुर आए हैं उनके घर पर मेडिकल टीम को भेजा गया था। उन सभी की मॉनिटरिंग की जा रही है। इनको निर्देश दिए गए हैं कि वे 14 दिन तक खुद को पूरी तरह अलग रखे और कोई भी हल्के लक्षण मिले तो उसकी सूचना तुरंत मेडिकल टीम को दें। अगर इस दौरान किसी को लक्षण दिखाई दे तो उनको तुरंत RTPCR टेस्ट करवाने के निर्देश दिए हैं।

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